लखीमपुर-खीरी: 10.30 बजे तक दफ्तर नही पहुंचे कृषि अधिकारी, डीडीओ मौजूद थे

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लखीमपुर-खीरी, अमृत विचार। बुधवार को रियलिटी चेक का तीसरा दिन था। सीडीओ,डीडीओ सहित कुछ विभागों के अधिकारी दफ्तरों में अपनी आमद दर्ज करा चुके थे। अमृत विचार की टीम ने जिला कृषि अधिकारी और जिला विकास अधिकारी के कार्यालयों की हकीकत जानने का प्रयास किया। पहले फ्लोर पर मौजूद जिला कृषि अधिकारी के कार्यालय में …

लखीमपुर-खीरी, अमृत विचार। बुधवार को रियलिटी चेक का तीसरा दिन था। सीडीओ,डीडीओ सहित कुछ विभागों के अधिकारी दफ्तरों में अपनी आमद दर्ज करा चुके थे। अमृत विचार की टीम ने जिला कृषि अधिकारी और जिला विकास अधिकारी के कार्यालयों की हकीकत जानने का प्रयास किया।

पहले फ्लोर पर मौजूद जिला कृषि अधिकारी के कार्यालय में कुछ एक को छोड़कर लगभग पूरा स्टाफ मौजूद था। वहीं कृषि अधिकारी समय से करीब आधा घंटा विलंब से भी नहीं पहुंच सके थे। इधर डीडीओ कार्यालय में पूरा स्टाफ मुस्तैद था। इस रियलिटी चेक में डीडीओ कार्यालय पास हुआ वहीं कृषि अधिकारी फेल हो गए।

विकास भवन के मुखिया भले ही समय से पहुंच कर विभागीय काम शुरू कर देते हों लेकिन उनके मातहत मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। उन्हें न तो किसी कार्यवाही का डर है और न ही उच्चाधिकारियों के निरीक्षण का कोई भय। पीड़ित अपनी शिकायत किसके पास लेकर जाए यह भी सोचनीय प्रश्न हैं। अधिकारियों के समय से न पहुंचने पर शिकायतकर्ता दर दर भटकता रहता है।

अधिकारियों को उनकी डयूटी सिखाने के लिए अमृतविचार ने रियलिटी चेक मुहिम छेड़ रखी है। बुधवार को विकास भवन के दो दफ्तरों को जमीनी हकीकत से अधिकारियों को रूबरू कराने का प्रयास किया गया। टीम जिला कृषि अधिकारी और जिला विकास अधिकारी कार्यालय में पहुंची। टीम 10 बजकर 8 मिनट पर जिला कृषि अधिकारी के कार्यालय पहुंची जहां पर जिला कृषि अधिकारी समय के बाद भी अपने कार्यालय पहुंचने की जहमत नहीं उठा सके थे।

वहीं कार्यालय में लगभग पूरे कर्मचारी आ चुके थे और अपनी अपनी कुर्सी पर पहुंच कर काम भी शुरू कर दिया था। कृषि विभाग के कार्यालय में लगभग दस कर्मचारियों का स्टाफ है। फर्टिलाइजर का काम देख रहे शुभम शुक्ला ने बताया कि वह हर रोज कार्यालय के समय से लगभग 15 से 20 मिनट पहले ही कार्यालय पहुंच जाते हैं। इसके अलावा कृषि कार्यालय से दफ्तर में हरिलाल व इंद्रेश सिंह चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, प्राविधिक सहायक रतन, प्रधान सहायक श्री कनौजिया मौजूद रहे।

फिलहाल कृषि अधिकारी कहां थे ? इसका किसी को पता नहीं था। इधर जिला विकास कार्यालय में सभी व्यवस्थायें चाक चौबंद दिखी। कार्यालय का लगभग सब कर्मचारी अपनी अपनी कुर्सी पर मुस्तैद दिखाई दिये उधर जिला विकास अधिकारी भी समय से करीब 15 मिनट पहले ही कार्यालय पहुंच कर विभागीय कार्य शुरू कर चुके थे।

कहते हैं जब अनुशासित अधिकारी होता है तो वहां का स्टाफ भी अपनी ड्यूटी सही और ईमानदारी के साथ निभाता हैं। जिला विकास कार्यालय में नाजिर के पद पर कार्यरत सौरभ कुमार श्रीवास्तव ड्यूटी पर थे और कामकाज शुरू कर दिया था। वहीं विनोद कुमार श्रीवास्तव प्रशासनिक अधिकारी, उस्मान खान प्रधान सहायक, शशि वर्मा व मनोज कुमार श्रीवास्तव वरिष्ठ सहायक, शारदा देवी , लेखाकार प्रदीप कुमार शुक्ला व अंसार अहमद, रामशंकर श्रीवास्तव प्रधान सहायक भी अपनी अपनी कुर्सी पर पहुंच कर काम शुरू की प्रक्रिया तेज कर दी थी। कुल मिलाकर बुधवार के रियलिटी चेक में डीडीओ और उनका स्टाफ पास हो गया वहीं कृषि अधिकारी फेल।

समय का पाबंद होना अच्छी बात: डीडीओ

रियलिटी चेक टीम से मुखातिब होते हुए डीडीओ अरविंद कुमार ने बताया कि वह अपने काम के प्रति ईमानदार है। कहना था कि समय का पाबंद होना अच्छी बात है। इसी का नतीजा यह होता है कि मेरे कार्यालय पहुंचने से पहले ही विभाग के सभी कर्मचारी हाजिर हो जाते हैं। बैठकों और निरीक्षण के दौरान भले ही कभी कभार देर हो जाती हो लेकिन हर रोज समय से कार्यालय पहुंचकर कामकाज देखना हमारी प्राथमिकता में है।

कोई दूसरा  उठा रहा था कृषि अधिकारी का फोन
कृषि अधिकारी के देर से कार्यालय पहुंचने के बाबत जब उनके मोबाइल नम्बर 854506668880 पर काल की गयी तो उनका फोन कोई और उठा रहा था जिससे उनका पक्ष नहीं जाना जा सका। उनके कार्यालय में तैनात शुभम शुक्ला कर्मी ने बताया कि आपके जाने के कुछ देर बाद ही साहब कार्यालय आ गये थे।

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