UP: अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी देने पर की थी युवक की हत्या

Amrit Vichar Network
Published By Monis Khan
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ओरछी, अमृत विचार। बंगाली डॉक्टर के बेटे की हत्या पश्चिम बंगाल निवासी दो कंपाउंडर ने की थी। एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाया। पेट और शरीर में कैंची से गई वार किए थे। हाथ और पैर ईंट से बांधकर शव को तालाब में फेंक दिया था। पुलिस ने दोनों आरोपी कंपाउंडर को गनगोली तिराहे से गिरफ्तार किया। उनसे सिरिंज, इंजेक्शन और कैंची बरामद करके जेल भेज दिया। 

बंगाल के सिलीगुड़ी निवासी आरके विश्वास थाना फैजगंज बेहटा के कस्बा के वार्ड छह में लगभग 40 साल से दवाखाना चलाते हैं। जहां मेडिकल स्टोर भी है। उनके तीन बेटे प्रिंस, प्रतीश उर्फ पिंटू (31) और सिंटू हैं। सिंटू अपने परिवार के साथ दिल्ली में रहते हैं जबकि प्रिंस और पिंटू कस्बा में ही रहते हैं। प्रतीश की पत्नी दो साल पहले उन्हें छोड़कर चली गई थीं। आरके विश्वास दवा लेने के लिए पश्चिम बंगाल गए हुए थे। वह वापस लौटे तो घर पर ताला लगा था और प्रतीश लापता थे। 

तलाश करने के बाद भी उसका कहीं पता नहीं चला था। 22 दिसंबर को तालाब में उनका शव उतराता मिला था। शव को तालाब स बाहर निकाला गया। उसके हाथ और पैर में ईंटें बंधी हुई थीं। पुलिस ने जांच शुरू की। शक के आधाार पर पुलिस ने मूलरूप से पश्चिम बंगाल के थाना नदिया क्षेत्र के गांव आडंगघाटा और कस्बा के वार्ड सात निवासी आशिक पुत्र कार्तिक, नदिया के गांव बकिमनगर निवासी संजू पुत्र संजय विश्वास को गिरफ्तार किया।
 
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि प्रतीश के मोबाइल में एक कंपाउंडर की मां के अश्लील वीडियो थे। वह वीडियो दिखाकर कंपाउंडर को चिढ़ाता था और वीडियो वायरल करने की धमकी देकर नीचा दिखाने की कोशिश करता था। वहीं दूसरे कंपाउंडर का संबंध एक महिला से था। प्रतीश ने महिला के पति को इस बारे में बता दिया था। इसकी वजह से दोनों कंपाउंडर प्रतीश से रंजिश मानने लगे थे। जिसकी वजह से उन्होंने मिलकर 19 दिसंबर को प्रतीश की हत्या कर दी। गिरफ्तार करने वाली टीम में थानाध्यक्ष राजकुमार सिंह, वरिष्ठ उपनिरीक्षक नरेंद्र सिंह, उपनिरीक्षक हरिदत्त सैनी, हेड कांस्टेबल जसवीर सिंह व कांस्टेबल कपिल कुमार शर्मा रहे।

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