'घर जैसा...' एयरक्राफ्ट कॉकपिट में वापसी, एक्सिओम-4 मिशन पूरा कर ड्यूटी पर लौटे ग्रुप कैप्टन शुक्ला
नई दिल्ली। भारत की अंतरिक्ष यात्रा में अमिट छाप छोड़ने वाले ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने एक बार फिर वायु सेना के विमान में उडान भरते हुए आसमान में दमदार वापसी की है। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए ऐतिहासिक एक्सिओम-4 मिशन पूरा करने के कुछ महीने बाद ही उन्होंने वायु सेना में अपनी जिम्मेदारी फिर से संभाल ली है। ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने अंतरिक्ष की ऐतिहासिक उडान के बाद एक बार फिर मंगलवार को बीदर में अभ्यास मिशन के दौरान वायुसेना की सूर्य किरण एरोबैटिक टीम के साथ उड़ान भरी।
इसे अंतरिक्ष से सीधे उच्च प्रदर्शन वाली सैन्य विमानन गतिविधियों में दुर्लभ और सहज वापसी की तरह देखा जा रहा है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट में लिखा, "कॉकपिट में वापस आकर सचमुच अच्छा लग रहा है। उड़ान प्रशिक्षण अंतरिक्ष यात्री तैयारी का एक मूल स्तंभ बना रहता है। बहुत कम वातावरण ऐसे होते हैं जहां इंद्रिय अनुभवों का इतना सटीक समन्वय, वास्तविक समय में तेज़ निर्णय क्षमता और अत्यंत तीक्ष्ण परिस्थितिजन्य जागरूकता की आवश्यकता होती है। ये केवल उड़ान कौशल नहीं हैं-ये अंतरिक्ष में जीवित रहने के कौशल हैं।"
उन्होंने लिखा, "कॉकपिट में जीवन बिताने के बाद, उसमें लौटना किसी यात्रा जैसा नहीं बल्कि घर वापसी जैसा लगता है। और अगर लौटने का कोई तरीका हो, तो भारतीय वायुसेना के दूत-सूर्य किरणों-के साथ उड़ान भरने से बेहतर कुछ नहीं हो सकता।" वायु सेना के पायलट शुक्ला ने कॉकपिट में बिताए समय को दिखाता एक वीडियो भी साझा किया। नयी फिल्म 'धुरंधर' के जोशीले शीर्षक गीत पर आधारित इस वीडियो में तस्वीर और उड़ान के दृश्य शामिल थे।
'ट्रेनिंग विद द सूर्य किरण टीम' शीर्षक वाले इस वीडियो में संदेश दिया गया, "मेरी उड़ान प्रशिक्षण इस तरह दिखता था। अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण अंतरिक्ष में शुरू नहीं होता-यह कॉकपिट में शुरू होता है। उड़ान प्रशिक्षण अंतरिक्ष यात्री तैयारी का एक मुख्य हिस्सा है और अंतरिक्ष यात्रा के लिए आवश्यक है।"
भारतीय वायुसेना की सूर्य किरण एरोबैटिक टीम नौ-विमान संरचना वाली एशिया की एकमात्र एरोबैटिक टीम है। वर्ष 2006 में भारतीय वायुसेना में कमीशन हासिल करने वाले ग्रुप कैप्टन शुक्ला को लगभग 2,000 घंटे का उड़ान अनुभव है। उन्होंने मिग-21, मिग-29, सुखोई -30, डोर्नियर और हॉक जैसे विमानों का संचालन किया है। हाल ही में उन्हें द वीक पत्रिका द्वारा 'मैन ऑफ द ईयर' भी नामित किया गया है।
