रुद्रपुर: आईएएस डॉ. पंकज पांडेय का विवादों से चोली-दामन का साथ

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अभिषेक आनंद, अमृत विचार, हल्द्वानी। आईएएस डॉ. पंकज कुमार पांडेय का नाम पहली बार किसी विवाद में सामने नहीं आया है। बहुचर्चित एनएच घोटाले में निलंबित रह चुके डॉ. पंकज पांडेय ऊधमसिंह नगर के जिलाधिकारी रहते हुये भी काफी चर्चित रहे थे। अधीनस्थों के साथ दुर्व्यवहार तो उनके लिये आम बात है। जिले के मुखिया …

अभिषेक आनंद, अमृत विचार, हल्द्वानी। आईएएस डॉ. पंकज कुमार पांडेय का नाम पहली बार किसी विवाद में सामने नहीं आया है। बहुचर्चित एनएच घोटाले में निलंबित रह चुके डॉ. पंकज पांडेय ऊधमसिंह नगर के जिलाधिकारी रहते हुये भी काफी चर्चित रहे थे।

अधीनस्थों के साथ दुर्व्यवहार तो उनके लिये आम बात है। जिले के मुखिया के तौर पर उन्होंने निरीक्षण आदि के दौरान अधिकारियों के साथ भी दुर्व्यवहार किया था। तब उनकी कार्यप्रणाली को लेकर अधिकारियों व कर्मचारियों में काफी आक्रोश था।

आईएएस डॉ. पंकज कुमार पांडेय इन दिनों स्वास्थ्य सचिव रहते हुये महिला चिकित्सक से दुर्व्यवहार को लेकर चर्चा में हैं। डॉ. पांडेय ने ऊधमसिंह नगर के 19वें जिलाधिकारी के रूप में तीन दिसंबर 2013 को कार्यभार संभाला था। अपने व्यवहार को लेकर डॉ. पांडेय पहले दिन से ही चर्चाओं में आ गये। उनका अपने अधीनस्थों के साथ व्यवहार काफी खराब रहा।

निरीक्षण के दौरान अधिकारियों तक को सावर्जनिक फटकार लगाना उनका एक ट्रेंड सा था। एएन झा इंटर कॉलेज में निरीक्षण के दौरान तत्कालीन जिलाधिकारी प्रधानाचार्य तक से भिड़ गये थे। आरोप था कि डॉ. पांडेय ने प्रधानाचार्य की योग्यता तक पर सवाल उठा दिये थे।

मामले ने तूल पकड़ा तो उन्होंने खेद जताकर मामले को शांत कराया था। इसके अतिरिक्त कलेक्ट्रेट के कर्मचारी के साथ भी अभद्रता की गई तो कर्मचारी संगठन लामबंद हो गये थे। बाद में मामला सुलह समझौते से निपटाया गया था। विवादों के चलते डॉ. पंकज पांडेय की जिले से छह नबंवर 2015 को विदाई हो गयी थी।

डॉ. पांडेय के कार्यकाल में ही हुआ था एनएच घोटाला
रुद्रपुर। एनएच 74 भूमि अधिग्रहण प्रकरण में भी आईएएस पंकज पांडेय को 11 सितंबर 2018 को निलंबित किया था। यहां बता दें कि एनएच के लिये अधिग्रहण संबंधी ज्यादातर कार्यवाही डॉ. पंकज पांडेय के कार्यकाल में ही हुई थी। गिरफ्तारी से बचने के लिये पांडेय हाईकोर्ट तक गये थे। एसआईटी ने भूमि अधिग्रहण में अनियमिततायें बरतने का आरोप लगाते हुये डॉ. पंकज पांडेय के साथ एक अन्य आईएएस चंद्रेश यादव के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। सात माह बाद पंकज पांडेय का निलंबन खत्म हुआ था। हालांकि, पोस्टिंग के लिये डॉ. पंकज पांडेय को काफी इंतजार करना पड़ा था।

दो साल के कार्यकाल में धड़ाधड़ बने थे शस्त्र लाइसेंस
रुद्रपुर। जिलाधिकारी रहते हुये डॉ. पंकज पांडेय शस्त्र लाइसेंस बनाने में काफी उदार दिखे थे। बताया जाता है कि उस वक्त शस्त्र लाइसेंस की फाइलों को उन्होंने धड़ाधड़ पास किया था। इसको लेकर कई बार सवाल भी उठाये गये। शहर में बने एक अस्पताल के मामले में भी डॉ. पांडेय का नाम उछलता रहा था। इसके अलावा कई विवादों में तत्कालीन जिलाधिकारी डॉ. पांडेय का नाम खूब उछलता रहा था।

दून स्थित आवास से हटा दिया था नोटिस व लाल निशान
रुद्रपुर। उच्च न्यायालय के आदेश पर देहरादून नगर निगम देहरादून ने अतिक्रमण विरोधी अभियान शुरू किया था। कालीदास रोड पर स्थित आईएएस पंकज पांडेय के घर की दीवार पर भी लाल निशान और नोटिस भी चस्पा किया था। आरोप है कि आईएएस ने अपनी हनक दिखाते हुए नोटिस को फाड़ा और लाल निशान को थिनर से मिटा दिया गया था। यह मामला भी सुर्खियों में रहा था।