रुद्रपुर: सालभर पहले जो थी जीवनदायिनी, अब वो हो रहीं कबाड़
रुद्रपुर, अमृत विचार। कहावत है कि वक्त का पहिया घूमता है तो सबकुछ बदल जाता है। कुछ ऐसा ही हाल दवाओं का है। साल भर पहले जिन दवाओं व दूसरे मेडिकल सामान की मारामारी बनी हुई थी। अब वह दवायें व सामान स्वास्थ्य विभाग में धूल फांक रहा है। हालात यह हैं कि जिस रेमडीसिवर के …
रुद्रपुर, अमृत विचार। कहावत है कि वक्त का पहिया घूमता है तो सबकुछ बदल जाता है। कुछ ऐसा ही हाल दवाओं का है। साल भर पहले जिन दवाओं व दूसरे मेडिकल सामान की मारामारी बनी हुई थी। अब वह दवायें व सामान स्वास्थ्य विभाग में धूल फांक रहा है। हालात यह हैं कि जिस रेमडीसिवर के इंजेक्शन के लिये पूरे देश में हो हल्ला मच रहा था। स्वास्थ्य विभाग के स्टोर में वह अब एक्सपायर होने के कगार पर हैं।
साल भर पहले जब कोरोना ने कहर ढाया तो रेमडीसिवर, पीपीई किट आदि की जबर्दस्त किल्लत थी। इसके चलते स्वास्थ्य विभाग ने इनकी खूब खरीदारी की थी। वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग के स्टोर में कोविड की दवाओं की भरमार है। इनमें रेमडीसिवर के 1173, एंफोटेरेशीन के 1200 इंजेक्शन व पैबीपेराबीर दवा काफी मात्रा में है।
इसकी समयावधि एक माह में पूरी हो जाएंगी। जिससे यह सभी दवायें बेकार होने के कगार पर हैं। वहीं भारी मात्रा में पीपीई किट, मास्क सहित कोविड के प्रयोग में आने वाली अन्य सामग्री पड़ी है। स्टोर कर्मचारियों का कहना है कि इनके निस्तारण के लिये सीएमओ को पत्र के माध्यम से सूचित किया गया है।
