सहारनपुर के 6000 तालाबों में से 500 चढ़े अवैध कब्जे की भेंट
सहारनपुर। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में शानदार जलप्रबंधन की मिसाल पेश करते 6000 तालाबों की व्यवस्थित श्रंखला, पानी को लेकर पूर्वजों की दूरदृष्टि का सबूत हैं, लेकिन वर्तमान में इन तालाबों की बदहाल तस्वीर पेश करते सरकारी आंकड़े जलसंकट से घिरी मौजूदा पीढ़ी की समझ पर सवाल खड़े करते हैं। हर साल देश में …
सहारनपुर। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में शानदार जलप्रबंधन की मिसाल पेश करते 6000 तालाबों की व्यवस्थित श्रंखला, पानी को लेकर पूर्वजों की दूरदृष्टि का सबूत हैं, लेकिन वर्तमान में इन तालाबों की बदहाल तस्वीर पेश करते सरकारी आंकड़े जलसंकट से घिरी मौजूदा पीढ़ी की समझ पर सवाल खड़े करते हैं। हर साल देश में 10 अप्रैल को मनाये जाने वाले जल संसाधन दिवस पर ये सवाल उठाये जाते हैं। इस साल भी इन सवालों के जवाब में उत्तर प्रदेश सरकार के राजस्व विभाग ने बताया कि जिले के 500 तालाब अवैध कब्जों की भेंट चढ़ चुके हैं।
इन तालाबों को अवैध कब्जों से मुक्त कराना राजस्व विभाग की जिम्मेदारी है, वहीं ग्राम पंचायतों सहित अन्य संबद्ध विभागों की जिम्मेदारी है कि इन तालाबों को पानी से लबालब कर इन्हें जीवंत बनाये। तालाबों की बदहाली और अवैध कब्जों के आंकड़े सरकारी महकमों की दायित्वपूर्ति के सच को भी उजागर कर रहे हैं।
जिले के मुख्य विकास अधिकारी विजय कुमार ने इस बारे में पूछने पर शनिवार को बताया कि जनपद में 6012 तालाब हैं जिनमें से 497 पर अवैध कब्जे हैं। ऐसे अनेक तालाब हैं जहां अवैध कब्जे तो नहीं हैं लेकिन वे तालाब गंदगी से अटे पड़े हैं। कई तालाबों में तो पानी की बूंद तक भी नहीं दिखाई देती है। सहारनपुर की सदर तहसील में सबसे ज्यादा 1835 तालाब हैं। इनमें से 61 तालाब अवैध कब्जों के शिकार होकर यादों में समा गये हैं। रामपुर मनिहारान तहसील के सरकारी रिकार्ड में 1231 तालाब दर्ज हैं। इस तहसील में सबसे ज्यादा 171 तालाबों पर अवैध कब्जे हो चुके हैं।
कुमार ने बताया कि तालाबों के पुनरुद्धार के लिये तत्काल जरूरी कदम उठाए जाएंगे, तालाबों को अवैध कब्जों से मुक्त कराया जायेगा और उनका सौंदर्यीकरण कराया जाएगा। जानकारी के मुताबिक देवबंद में 1211 तालाब हैं। उनमें से 97 तालाबों पर अवैध कब्जे हैं।
इसी तहसील के गांव सांखन कलां में दो तालाब हैं। गांव के निवासी सहेंद्र कुमार ने बताया कि दोनों तालाब गंदगी से अटे पड़े हैं।
तालाबों की जमीन पर अवैध कब्जा है। तालाब में पानी की एक बूंद भी नजर नहीं आती है।
नकुड़ तहसील में राजस्व विभाग के रिकार्ड में 1190 तालाबों से 132 और बेहट तहसील में कुल 545 में से 36 पर अवैध कब्जे हो चुके हैं। तालाबों के सौंदर्यीकरण का काम सरकारी महकमे कागज पर कैसे करते हैं, इसका उदाहरण गांव नासीरपुर डिगोली है। इस गांव का तालाब कागजों में सुंदर कर दिया गया है, जबकि इसकी हकीकत इस गांव के निवासी सुरेंद्र त्यागी ने बयां करते हुए बताया कि तालाब का वजूद अब दिखता नहीं है बल्कि इसके आसपास उगी घास और पेड़ ही बचे हैं।
रविवार को जल संसाधन दिवस के मौके पर सहारनपुर जिले की जलसंसाधनों की तस्वीर बेहद निराशा पैदा करती है। पर्यावरण प्रेमियों ने कमिश्नर डा. लोकेश एम और जिलाधिकारी अखिलेश सिंह से मांग की है कि जनपद में जल संरक्षण को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सभी तालाबों को कब्जामुक्त किया जाए और उन्हें जलमग्न किया जाए। ताकि जल में रहने वाले जीव-जंतुओं को पानी का सहारा मिल सके।
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