अदालत ने शशिकला की याचिका खारिज की

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चेन्नई। तमिलनाडु की एक स्थानीय अदालत ने सोमवार को अन्नाद्रमुक से निष्कासित नेत्री वी शशिकला की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने वर्ष 2017 में उन्हें पार्टी से निकाले जाने के फैसले को चुनौती दी थी। पार्टी की कानूनी शाखा के संयुक्त सचिव एएम बाबू मुरुगावेल ने कहा कि अदालत ने अन्नाद्रमुक समन्वयक …

चेन्नई। तमिलनाडु की एक स्थानीय अदालत ने सोमवार को अन्नाद्रमुक से निष्कासित नेत्री वी शशिकला की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने वर्ष 2017 में उन्हें पार्टी से निकाले जाने के फैसले को चुनौती दी थी। पार्टी की कानूनी शाखा के संयुक्त सचिव एएम बाबू मुरुगावेल ने कहा कि अदालत ने अन्नाद्रमुक समन्वयक ओ पन्नीरसेल्वम और संयुक्त समन्वयक के पलानीस्वामी की ओर से दायर एक आवेदन-पत्र के बाद  शशिकला की याचिका को खारिज कर दिया।

उल्लेखनीय है कि शशिकला ने इससे पहले शहर की दीवानी अदालत का दरवाजा खटखटाया था। उनका कहना था कि 2017 में अन्नाद्रमुक की आम परिषद की बैठक मान्य नहीं थी, जिसमें उन्हें पार्टी की महासचिव के पद से हटाया गया था। शशिकला की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता के निधन के तुरंत बाद 2016 में पार्टी की अंतरिम महासचिव नियुक्त की गई थीं। फरवरी, 2017 में हालांकि तत्कालीन मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने उनके खिलाफ जाकर उन्हें पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया था।

इससे पार्टी में दरार पैदा हो गई। इसके गुट का नेतृत्व ओपीएस ने किया और दूसरे का एडप्पडी के पलानीस्वामी ने किया, जो आगे चलकर मुख्यमंत्री बने। अगस्त 2017 में हालांकि ओपीएस खेमे की मुख्य मांगों में से एक के साथ गुटों का विलय हो गया। शशिकला बाद में डीए मामले में दोषी ठहराया गया था और उन्हें बेंगलुरु जेल भेज दिया गया था। इसी घटना के बाद आम परिषद की बैठक बुलाई गई थी, जिसमें शशिकला और उनके भतीजे टीटीवी दिनाकरण को पार्टी से निकाल दिया गया था। 

 

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