Sri Lanka crisis: राजपक्षे ने इस्तीफा देने से किया इंकार, कही ये बात
कोलंबो। श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने देश में मौजूदा आर्थिक एवं राजनीतिक संकट तथा उनके इस्तीफे की मांगों के परिप्रेक्ष्य में बुधवार को कहा कि वह तब तक इस्तीफा नहीं देंगे जब तक उनके पास संसद में बहुमत है। डेली मिरर को दिये साक्षात्कार में श्री राजपक्षे ने कहा कि उनके पास अभी भी …
कोलंबो। श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने देश में मौजूदा आर्थिक एवं राजनीतिक संकट तथा उनके इस्तीफे की मांगों के परिप्रेक्ष्य में बुधवार को कहा कि वह तब तक इस्तीफा नहीं देंगे जब तक उनके पास संसद में बहुमत है। डेली मिरर को दिये साक्षात्कार में श्री राजपक्षे ने कहा कि उनके पास अभी भी संसद में बहुमत है। उन्होंने कहा, “अगर ज्यादातर सांसदों को लगता है कि मुझे जाना चाहिए, तो मैं चला जाऊंगा।
इसमें कोई शक नहीं।” उन्होंने कहा कि वे जनादेश से सत्ता में आए हैं और यदि लोग उन्हें बदलना चाहते हैं, तो वे चुनाव के जरिए ऐसा कर सकते हैं। उन्होंने कहा, “मेरे खिलाफ विरोध करने वाले और मेरे इस्तीफे की मांग करने वाले लोगों का कुछ वर्ग पूरी आबादी का प्रतिनिधित्व नहीं करता है।” ‘राजपक्षे घर जाओ’ अभियान के बारे में एक सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि इस तरह के अभियान नए नहीं हैं और वर्षों से चल रहे हैं। उन्होंने कहा, “हम सही तरीके से चुने गए थे और जिस दिन लोग हमें भेजना चाहेंगे, हम चले जाएंगे।”
उनके अपने भाई राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के बीच मतभेद के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उन दोनों के बीच ऐसा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा, “गोटाबाया राजपक्षे राष्ट्रपति हैं। इसलिए मुझे हमेशा राष्ट्रपति के रूप में उनका सम्मान करना चाहिए। वह मेरा छोटा भाई है, लेकिन वह अलग बात है। हम सही तरीके से चुने गए थे और जिस दिन लोग हमें भेजना चाहेंगे, हम चले जाएंगे।”
बुनियादी आवश्यक आपूर्ति की कमी पर बात करते हुए, राजपक्षे ने कहा कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे थे कि नागरिकों को यथासंभव बुनियादी आवश्यक आपूर्ति की जाए। उन्होंने कहा कि वे जल्द से जल्द सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। श्री राजपक्षे ने कहा, “विश्व बैंक और अन्य एजेंसियां हमें आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति प्राप्त करने में सहायता कर रही हैं।”
प्रधानमंत्री ने सरकार की संकट को हल करने की योजना के बारे में कहा, “तत्काल समाधान के लिए कुछ ऐसे देश हैं जो हमारी मदद करने के इच्छुक हैं और हमने उनके साथ चर्चा शुरू कर दी है… उन्होंने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। हम कई देशों के साथ चर्चा कर रहे हैं। हम यहां राजदूतों से कई बार मिल रहे हैं।”
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