नैनीताल: प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत होगा काम, इन गांवों में बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर किया जाएगा मजबूत
नैनीताल, अमृत विचार। जनपद के नौ अनुसूचित जाति बाहुल्य गांवों की तस्वीर बदलने जा रही है। एससी बाहुल्य गांवों को ‘मॉडल गांव’ बनाया जाएगा। इन गांवों में बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे पेयजल, शौचालय, सड़क, सोलर लाइट आदि को मजबूत किया जाएगा। जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि केंद्र सरकार की संचालित प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना …
नैनीताल, अमृत विचार। जनपद के नौ अनुसूचित जाति बाहुल्य गांवों की तस्वीर बदलने जा रही है। एससी बाहुल्य गांवों को ‘मॉडल गांव’ बनाया जाएगा। इन गांवों में बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे पेयजल, शौचालय, सड़क, सोलर लाइट आदि को मजबूत किया जाएगा।
जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि केंद्र सरकार की संचालित प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत ऐसे गांव जहां 40 प्रतिशत से अधिक आबादी अनुसूचित जाति बाहुल्य की है, मॉडल गांव बनाया जाएगा। पहले चरण में जिले में 11 गांवों को चुना गया है। इनमें नौ गांवों की कार्ययोजना का अनुमोदन हो गया है। इनमें धारी ब्लॉक के सलियाकोट मल्ला, मज्यूली, सलियाकोट तल्ला, अक्सौडा, कोटाबाग ब्लॉक में कुनखेत, रामगढ़ ब्लॉक भियाल, ल्वेशयानी, छियोडी, ओखलकांडा ब्लॉक का पटरानी गांव शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि इन गांवों में शुद्ध पेयजल, सभी परिवारों को बिजली, गांवों में सोलर लाइट्स, सड़कें आदि की व्यवस्थाएं सुदृढ़ की जाएंगी। इन चुने हुए गांवों में ग्राम स्तरीय पीएमजीवाई अभिसरण समिति का गठन कर दिया है। साथ ही योजनानुसार अंतर पाटन के 20 लाख रुपये एवं अन्य रेखीय विभागों की धनराशि को सम्मिलित करते हुए चयनित ग्रामों में योजनाओं का चयन कर अनुमोदन किया है। जिला समाज कल्याण विभाग को इस बाबत निर्देश दिए गए हैं।
जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल ने बताया कि हल्द्वानी ब्लॉक के खड़कपुर व बेतालघाट के मझेड़ा गांवों की ग्राम सभाओं ने अब तक ग्राम विकास योजना का ग्राम पंचायत से अनुमोदन कर जनपद को नहीं दी है। बाकी नौ गांवों की अंतरिम ग्राम विकास योजना को जिला स्तरीय समिति अनुमोदित कर भारत सरकार को भेज रही है।
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति बाहुल्य गांवों में 10 संकेतकों पर काम होगा। इन संकेतकों में पेयजल, स्वचछता, शिक्षा, स्वास्थ्य व पोषण, सामाजिक सुरक्षा, सड़क व आवास, विद्युत व स्वच्छ ईंधन, कृषि पद्धतियां, वित्तीय समावेशन व जीवन यापन, कौशल विकास शामिल हैं। साथ ही इन गांवों में सामाजिक आर्थिक संकेतकों में भी सुधार होगा ताकि अनुसूचित जाति और गैर अनुसूचित जाति जनसंख्या में असमानता समाप्त कर राष्ट्रीय औसत बढ़ाया जा सके।
