शाहजहांपुर: मुसीबत बन रहे आवारा पशु, फिर सांड ने ली एक की जान
अमृत विचार, शाहजहांपुर। आवारा पशु मुसीबत बने हुए हैं, सांडों के हमले में कई लोगों की जानें जा चुकीं हैं लेकिन प्रशासन के पास आवारा पशुओं की समस्या से कोई मुकम्मल व्यवस्था नहीं है। बृहस्पतिवार सुबह जैतीपुर के गांव कटहा निवासी जयचंद्र के बेटे शिवकुमार को सांड ने पटक कर मार डाला। शिवकुमार शौच के …
अमृत विचार, शाहजहांपुर। आवारा पशु मुसीबत बने हुए हैं, सांडों के हमले में कई लोगों की जानें जा चुकीं हैं लेकिन प्रशासन के पास आवारा पशुओं की समस्या से कोई मुकम्मल व्यवस्था नहीं है। बृहस्पतिवार सुबह जैतीपुर के गांव कटहा निवासी जयचंद्र के बेटे शिवकुमार को सांड ने पटक कर मार डाला। शिवकुमार शौच के लिए गांव के बाहर तालाब पर गया था। वहां पर सांड ने उसे पटक-पटक कर मार डाला। उसने मेडिकल कॉलेज ले जाते समय रास्ते में दम तोड़ दिया। सूचना पर पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वहीं परिजनों का रो-रो कर हाल बेहाल है।
कटहा निवासी जयचंद के छह बेटे बेटियों में सबसे छोटे बेटा शिवकुमार (12) को बृहस्पतिवार सुबह गांव के बच्चों के साथ गांव के बाहर तालाब के किनारे शौच के लिए गया था। शौच के बाद वह बच्चों के साथ वहीं खेलने लगा, इतने में तालाब के किनारे सांड आ गया। सांड को देखकर बच्चें भाग खड़े हुए, लेकिन शिवकुमार सांड की चपेट में आ गया। सांड ने उसे सीगों में फंस लिया और उठाकर पटकने लगा। सांड के मारने पर वह और बच्चे चीखने-चिल्लाने लगे। बच्चों की व शिवकुमार की आवाज सुनकर आसपास के लोग भागे, जिन्होंने देखा सांड किसी बच्चे को पटक रहा है। पहुंचे लोगों जैसे-तैसे शिवकुमार को सांड से बचाया।
इस दौरान वह बुरी तरह से घायल हो गया। पहुंचे लोगों ने घटना की खबर परिजनों को दी। खबर मिलते ही परिजन आनन-फानन में घटना स्थल पर पहुंचे और उसे सीएचसी पहुंचया, वहां डाक्टरों ने घायल शिवकुमार का प्राथमिक उपचार कर मेडिकल कालेज रेफर कर दिया। परिजन उसे को लेकर मेडिकल कालेज पहुंचे। डाक्टरों ने चेकअप के दौरान शिवकुमार को मृत घोषित कर दिया। मौत की जानकारी होने पर परिवार में कोहराम मच गया। इधर अस्पताल स्टाफ ने शव को मॉरचरी में रखवा दिया। पिता ने घटना की सूचना थाना पुलिस को दी, सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
इन पशुओं से कब मिलेगी निजात
फोटो-12-खेड़ा बझेड़ा बाजार के मौदान में आवारा पशुओं का जमावाड़ा
सड़कों, बाजारों व खेत में आवारा पशुओं के झुंड लोगों के लिए खतरा साबित हो रहे है। लोगों का कहना है कि इन आवारा पशुओं से कब निजात मिलेगी। उनका कहना है इन पशुओं से हादसे होने की आशंका बनी रहती है। पशु सड़कों से लेकर गांव की गलियों से लेकर मोहल्लों में घूमते दिखाई देते है।
जैतीपुर कस्बे में थाने गेट से लेकर ब्लाक गेट तक पशुओं का झुंड लगा रहता है, वहीं खेड़ा बझेड़ा में बाजार के मैदान में पशुओं की भरमार रहती है। दो दिन पहले बदायूं निवासी अभिलाख शाहजहांपुर जा रहा था, जैतीपुर कस्बे में थाने गेट के सामने दो सांड आपस में भीड़ गए, जिससे वह बाल-बाल बच गया। इस तरह आए दिन लोग पशुओं के झगड़ने से हादसे का शिकार हो रहे लेकिन किसी भी जिम्मेदार को दिखाई नहीं देता।
अनुत्पादन पशु बने ग्रामीणों के लिए भार
गांवों में अनुत्पादक मवेशी ग्रामीणों पर भार बन रहे है। न तो ये दूध देते है और न ही खेती किसानी में भरपूर योगदान कर पा रहे है। पहले पशु बाजारों में ऐसे मवेशियों के खरीदार आया करते थे। अब यह भी पूरी तरह बंद हो गया है। आलम यह है कि ग्रामीण इन अनुत्पादक मवेशियों को बेचने के लिए पशु बाजार लाते है। खरीदार न मिलने पर वहीं छोड़कर चले जाते है। ग्रामीण इलाकों में जिन स्थानों पर पशु बाजार लग रही है, वहां आसपास के गांवों में ऐसे छुटटा मवेशियों की संख्या ज्यादा हो गई है। ग्रामीणों की फसलों को भी यह छुट्टा मवेशी नुकसान पहुंचाने में पीछे नहीं रहते।
आवारा पशुओं के हमले से साल भर में इनकी गई जानें
– जैतीपुर निवासी रामकुमार की सांड के पटकने से मौत
– निगोही के भटूरा पृथ्वीपुर गांव निवासी शिवकुमार
– जलालाबाद के रायपुरा गांव निवासी सुरेंद्र कुमार
– जीएफ कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. शिवप्रताप
– सेंट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव वीरेंद्र सिंह
– अल्लाहगंज के चिलौर गांव निवासी मरहम सिंह
– पुवायां के रामपुरा गांव निवासी साकिर की पत्नी खातून बेगम
– गढ़िया रंगीर कस्बा निवासी नेत्रपाल
– खुटार निवासी अधिवक्ता संजय कुमार
– निगोही के गांव बिलहरी निवासी फूलन देवी व पोता सूर्यांश की मौत
– कांट के गांव हीरानगर निवासी उमाशंकर की मौत
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