लखनऊ: राजकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में तैनात आउटसोर्सिंग स्वास्थ्य कर्मचारियों ने उप मुख्यमंत्री से मिल कर रखी यह मांग

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लखनऊ। प्रदेश में केंद्र से सहायता प्राप्त कुल 14 राजकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में पिछले कई सालों से काम कर रहे करीब 2000 नर्सिंग तथा पैरामेडिकल ( आउटसोर्सिंग) स्वास्थ्य कर्मचारी आक्रोशित है। इन स्वास्थ्य कर्मचारियों के आक्रोश का कारण शासन द्वारा जारी एक आदेश बताया जा रहा है। दरअसल 14 राजकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में करीब 2000 …

लखनऊ। प्रदेश में केंद्र से सहायता प्राप्त कुल 14 राजकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में पिछले कई सालों से काम कर रहे करीब 2000 नर्सिंग तथा पैरामेडिकल ( आउटसोर्सिंग) स्वास्थ्य कर्मचारी आक्रोशित है। इन स्वास्थ्य कर्मचारियों के आक्रोश का कारण शासन द्वारा जारी एक आदेश बताया जा रहा है। दरअसल 14 राजकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में करीब 2000 नर्सिंग तथा पैरामेडिकल कर्मचारी आउटसोर्सिंग व्यवस्था के तहत कार्यरत हैं।

अभी हाल ही में शासन की ओर से इन मेडिकल कॉलेजों में नियमित नियुक्ति आयोग द्वारा किए जाने का आदेश जारी किया गया है, जिसमें पूर्व में कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के पदों को भी रिक्त समझा जाने का आदेश है। इस पर पिछले कई वर्षों से कार्यरत कर्मचारियों में काफी आक्रोश है। नौकरी से हटाए जाने का खतरा बन गया है। अलग-अलग जिलों से कर्मचारी नियमित नियुक्ति में वरियता दिए जाने की मांग कर रहे हैं।

जिस पर संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ का एक प्रतिनिधिमंडल ने उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक से मुलाकात कर अपना मांग पत्र सौंपा है। संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष रणजीत यादव ने बताया है कि उप मुख्यमंत्री को पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को 1 वर्ष का 3 अंक तथा 5 वर्ष का 15 अंक प्रदान किया जाता है, यह व्यवस्था आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए भी लागू की जाए।

क्योंकि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारी तथा आउटसोर्सिंग कर्मचारी एक ही पद तथा एक ही चिकित्सा केंद्र के अंतर्गत तैनात रहते हैं तथा मरीजों की सेवा करते हैं। संयुक्त स्वास्थ आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश ने सरकार से यह मांग की है कि नियमित नियुक्ति में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को वरीयता तथा भारांक दिया जाए।

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