हल्द्वानी: सड़क पर दर्द से कराहती रही गर्भवती, गेट पर जन्मा बच्चा
हल्द्वानी, अमृत विचार। महिला अस्पताल के सामने आधी रात एक गर्भवती दर्द से कराहती रही। अस्पताल स्टाफ ने उसकी सुध लेना तक जरूरी नहीं समझा। महिला की बिगड़ती हालत को देख परिजन परेशान थे। तड़के प्रसूता का दर्द इतना बढ़ गया कि वह गेट के पास ही घास के छोटे से मैदान में चली गई। …
हल्द्वानी, अमृत विचार। महिला अस्पताल के सामने आधी रात एक गर्भवती दर्द से कराहती रही। अस्पताल स्टाफ ने उसकी सुध लेना तक जरूरी नहीं समझा। महिला की बिगड़ती हालत को देख परिजन परेशान थे।
तड़के प्रसूता का दर्द इतना बढ़ गया कि वह गेट के पास ही घास के छोटे से मैदान में चली गई। वहीं उसकी डिलीवरी हो गई। जब बच्चे के जन्म होने की जानकारी स्टाफ को मिली तो आनन फानन में मौके पर पहुंचकर महिला को वार्ड में ले जाया गया।
इंसानियत को शर्मशार कर देने वाली यह घटना ऊधमसिंह नगर के खटीमा के श्रमिक परिवार के साथ घटी। वहां के बरिअंजनिया गांव के रहने वाले मनोज कुमार की 22 वर्षीय पत्नी प्रीति गर्भ से थीं।
उसके अनुसार शुक्रवार को प्रसव पीड़ा होने पर पति पहले खटीमा के स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा। वहां उसको ऑपरेशन बताकर सुशीला तिवारी अस्पताल रेफर कर दिया गया। यहां रात करीब दस बजे पहुंचे तो महिला को भर्ती कर लिया गया। महिला का दर्द कम नहीं हो रहा था, जिसके बाद वहां से वह बिल का भुगतान करने के बाद निजी एंबुलेंस में महिला अस्पताल पहुंच गए।
मनोज ने बताया कि पहले तो उसकी पत्नी को वार्ड में बेड पर लिटा दिया गया। फिर, गर्भ में बच्चे के टेढ़े होने की बात कहकर वहां से भेजने लगे। जब, भर्ती नहीं किया तो पत्नी गेट पर आ गई।
दर्द से कराह रही गर्भवती फर्स पर ही लेट गई। उसका दर्द शांत नहीं हो रहा था। वह गेट के पास ही छोटे से घास के मैदान में चली गई, जहां तड़के चार बजे उसने बेटे को जन्म दिया। दोनों स्वस्थ्य बताए जा रहे हैं, लेकिन अस्पतालों की एक लापरवाही दो जानों पर भारी पड़ सकती थी।
सीएमएस को खबर तक नहीं दी, लिया जाएगा स्पष्टीकरण
– महिला अस्पताल में दो लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर दिया गया और इसकी जानकारी अस्पताल की सीएमएस तक को नहीं दी गई। इस बड़ी लापरवाही के मामले में अब सीएमएस ने रात्रि स्टाफ से स्पष्टीकरण मांगा है।
सीएमएस ऊषा जंगपांगी ने बताया कि स्टाफ द्वारा इस घटना की कोई जानकारी नहीं दी गई। अस्पताल में ही बच्चे ने जन्म दिया है, इसमें स्टाफ की लापरवाही साफ दिख रही है। नर्स को इसकी जानकारी चिकित्सक को देनी चाहिए थी। ऊधम सिंह नगर जिले की महिला है, यह मायने नहीं रखता है। उसे भर्ती किया जाना चाहिए था। रात्रि स्टाफ से स्पष्टीकरण लिया जाएगा। इस मामले में जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
