SC करेगा EWS के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की संवैधानिक वैधता की करेगा जांच

Amrit Vichar Network
Published By Amrit Vichar
On

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि वह मुसलमानों को आरक्षण देने वाले एक स्थानीय कानून को खारिज करने संबंधी उच्च न्यायालय के फैसले के विरोध में दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई करने से पहले आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को दाखिले तथा नौकरी में दस प्रतिशत आरक्षण देने के केन्द्र के …

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि वह मुसलमानों को आरक्षण देने वाले एक स्थानीय कानून को खारिज करने संबंधी उच्च न्यायालय के फैसले के विरोध में दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई करने से पहले आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को दाखिले तथा नौकरी में दस प्रतिशत आरक्षण देने के केन्द्र के निर्णय की संवैधानिक वैधता की जांच करेगा।

प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित, न्यायमूर्ति दिनेश महेश्वरी, न्यायमूर्ति रविंद्र भट्ट, न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ ने कहा कि वह प्रक्रियागत पहलुओं तथा अन्य ब्योरों पर छह सितंबर को निर्णय लेगी और 13 सितंबर से याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। केन्द्र ने 103वें संविधान संशोधन अधिनियम 2019 के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए दाखिलों तथा लोक सेवाओं में आरक्षण का प्रावधान जोड़ा था।

शीर्ष अदालत आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की याचिकाओं और अन्य याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने मुसलमानों को आरक्षण देने वाले एक स्थानीय कानून को खारिज कर दिया था। आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय की पांच न्यायाधीशों वाली पीठ ने चार भिन्न मतों वाले फैसले में ‘स्टेट टू मुस्लिम कम्युनिटी अधिनियम’ 2005 के तहत इन प्रावधानों को असंवैधानिक घोषित किया था संवैधानिक पीठ ने चार वकीलों शादान फरासत, नचिकेता जोशी, महफूज नजकी और कनू अग्रवाल को नोडल अधिवक्ता के रूप में कार्य करने के लिए कहा।

ये भी पढ़ें – विधायकों के रातभर चले प्रदर्शन के बाद दिल्ली विधानसभा परिसर में सांसदों के प्रवेश पर लगी रोक

संबंधित समाचार