आयुष मंत्रालय ने किया आयुष उत्पादों के समान मानक के लिए समझौता

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नई दिल्ली। देश भर में आयुष उत्पादों के समान मानक तय करने के लिए आयुष मंत्रालय ने भारतीय फार्माकोपिया आयोग के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। आयुष मंत्रालय ने मंगलवार को यहां बताया कि आयुष उत्पादों की एकरुपता के लिए यह अंतर मंत्रालय समझौता ‘हर्ब, वन स्टैंडर्ड’ किया गया है। समझौते पर आयुष …

नई दिल्ली। देश भर में आयुष उत्पादों के समान मानक तय करने के लिए आयुष मंत्रालय ने भारतीय फार्माकोपिया आयोग के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। आयुष मंत्रालय ने मंगलवार को यहां बताया कि आयुष उत्पादों की एकरुपता के लिए यह अंतर मंत्रालय समझौता ‘हर्ब, वन स्टैंडर्ड’ किया गया है। समझौते पर आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए।

इस अवसर पर कोटेचा ने कहा कि समझौते का प्राथमिक उद्देश्य सामंजस्यपूर्ण हर्बल दवा मानकों के विकास को सुविधाजनक बनाकर सार्वजनिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि यह समझौता वैज्ञानिक जानकारी और दवा कच्चे माल, अर्क, संगोष्ठियों, कार्यशालाओं, प्रशिक्षण तथा विचार-मंथन कार्यक्रमों को साझा करके पारंपरिक चिकित्सा के मानकीकरण के क्षेत्र में सूचनाओं के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए सहयोग की सुविधा प्रदान करेगा।

कोटेचा ने कहा कि ‘एक जड़ी बूटी एक मानक’ के तहत वर्गीकृत मोनोग्राफ के प्रकाशन का एकमात्र अधिकार केवल पीसीआईएम और एच के पास होगा। पीसीआईएम एंड एच और आईपीसी द्वारा विकसित मोनोग्राफ की पहचान की जाएगी। आयुष मंत्रालय का मानना ​​है कि मानकों का यह सामंजस्य ‘एक जड़ी बूटी, एक मानक और एक राष्ट्र’ के उद्देश्य को पूरा करेगा और व्यापार आसान करेगा और भारतीय वनस्पति विज्ञान के समग्र व्यापार में भी सुधार करेगा। समझौते के अनुसार तकनीकी कार्य करने के लिए औषधीय पौधों और उनके घटक मार्करों के चयन के लिए एक संयुक्त समिति का गठन किया जाएगा।

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