आज का इतिहास: टाइटैनिक के डूबने के 73 साल बाद सामने आई थीं तस्वीरें, जानिए 4 सितंबर की प्रमुख घटनाएं

नई दिल्ली। यह तो हम आप सभी जानते हैं कि दुनिया का सबसे बड़ा, वाष्प आधारित यात्री जहाज टाइटैनिक, इंग्लैंड के साउथहैंप्टन से अपनी प्रथम यात्रा पर, 10 अप्रैल 1912 को रवाना हुआ और कभी अपनी मंजिल पर नहीं पहुंचा। दुनिया का सबसे सुरक्षित और कभी न डूबने वाला बताया गया यह जहाज चार दिन …

नई दिल्ली। यह तो हम आप सभी जानते हैं कि दुनिया का सबसे बड़ा, वाष्प आधारित यात्री जहाज टाइटैनिक, इंग्लैंड के साउथहैंप्टन से अपनी प्रथम यात्रा पर, 10 अप्रैल 1912 को रवाना हुआ और कभी अपनी मंजिल पर नहीं पहुंचा। दुनिया का सबसे सुरक्षित और कभी न डूबने वाला बताया गया यह जहाज चार दिन की यात्रा के बाद, 14 अप्रैल 1912 को एक हिमशिला से टकरा कर डूब गया था। समुद्र में डूबे इस जहाज की पहली तस्वीरें इसके डूबने के 73 बरस बाद 4 सितंबर 1985 को पहली बार सामने आईं। इतिहास की शांतिकाल की सबसे बड़ी समुद्री आपदाओं में से एक इस घटना में 1500 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।

देश दुनिया के इतिहास में चार सितंबर की तारीख पर दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा

1665 : मुग़लों और छत्रपति शिवाजी महाराज के बीच पुरंधर की संधि पर हस्ताक्षर।
1825 : प्रमुख राजनीतिज्ञ दादा भाई नौरोजी का जन्म।
1888 : महात्मा गांधी ने इंग्लैंड के लिए समुद्री यात्रा शुरु की।
1944 : द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सैनिकों ने बेल्जियम के एंटवर्प शहर में प्रवेश किया।
1946 : भारत में अंतरिम सरकार का गठन।
1967 : महाराष्ट्र का कोयना बांध भूकंप की चपेट में आकर ध्वस्त, 200 से ज्यादा लोगों की मौत।
1985 : 73 बरस पहले समुद्र में डूबे जहाज टाइटेनिक की तस्वीरें सामने आईं।
1999 : ईस्ट तिमोर में सम्पन्न जनमत संग्रह में 78.5 प्रतिशत जनता ने इंडोनेशिया से स्वतंत्रता के पक्ष में अपना मत प्रकट किया।
2000 : श्रीलंका के जाफना की बाहरी सीमाओं पर श्रीलंका सेना तथा मुक्ति चीतों के बीच संघर्ष में 316 लोग मारे गये।
2008 : केंद्रीय कैबिनेट ने सात राज्यों में निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्निर्धारण के सम्बन्ध में परिसीमन आयोग की सिफारिशों में सुधार के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी।
2009 : गुजरात उच्च न्यायालय ने जसवंत सिंह की मुहम्मद अली जिन्ना पर लिखी किताब पर गुजरात में लगा प्रतिबंध हटाया।
2020 : नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) के तीन सदस्यों ने भारत-चीन सीमा पर नेलांग घाटी में छह दिनों के अंतराल में ‘इनरलाइन’ क्षेत्र में तीन चोटियों का आरोहण कर एक उपलब्धि हासिल की।

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