22 साल में सिर्फ घोटाले ही घोटाले, अब तो CBI जांच करो सरकार… हल्द्वानी में उठी जनहुंकार

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हल्द्वानी, अमृत विचार। पहाड़ के लोगों ने जिस मूल मंशा और संघर्षों के साथ उत्तराखंड राज्य का निर्माण किया था, वह राज्य गठन के 22 साल भी अधूरी ही है। 22 साल की राजनीति में राजनेताओं ने पहाड़ की तरक्की के तमाम दावे किए लेकिन सच्चाई यही है कि आज उत्तराखंड घोटालों का प्रदेश बनकर …

हल्द्वानी, अमृत विचार। पहाड़ के लोगों ने जिस मूल मंशा और संघर्षों के साथ उत्तराखंड राज्य का निर्माण किया था, वह राज्य गठन के 22 साल भी अधूरी ही है। 22 साल की राजनीति में राजनेताओं ने पहाड़ की तरक्की के तमाम दावे किए लेकिन सच्चाई यही है कि आज उत्तराखंड घोटालों का प्रदेश बनकर रह गया है।

फिर चाहे वो भर्ती परीक्षाएं हों या फिर विकास कार्य, हर तरफ लूट मची है। यही वजह है कि इन दिनों राज्यभर में युवा सड़कों पर हैं और राज्य निर्माण में अहम योगदान देने वाले आंदोलनकारी यही सवाल पूछ रहे हैं कि क्या इसी दिन के लिए पहाड़ के लोगों ने शहादत दी थी। कुछ इन्ही सवालों के साथ आज हल्द्वानी के बुद्ध पार्क में विभिन्न संगठनों के लोगों ने जनहुंकार सभा का आयोजन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने भर्ती परीक्षाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच की मांग की।

जनहुंकार के संयोजक भुवन चंद्र जोशी ने कहा कि जिस अवधारणा के साथ राज्य के लोगों ने शहादत दी, आज भी वह सपना अधूरा है। भाजपा और कांग्रेस ने बारी बारी राज्य को लूटने का काम किया है। इसके उत्तराखंड और यहां के लोगों की छवि देश-दुनिया में धूमिल हुई है। उन्होंने कहा कि पूर्व में सरकारी नौकरियों में घोटालों की जांच की मांग को लेकर हम लोग हल्द्वानी से कालाढूंगी तक पदयात्रा में गए थे लेकिन सरकार ने अभी तक इसमें कोई भी कार्यवाही नहीं की, हमें मजबूर होकर एक दिवसीय उपवास में बैठने को मजबूर होना पड़ा रहा है।

यूकेडी नेता एडवोकेट मोहन चंद्र कांडपाल ने कहा कि आज नेताओं ने जैसी हालत राज्य की कर दी है, उसे देखकर रोना आता है। लेकिन अब राज्य को और लूटने नहीं दिया जाएगा। भर्ती परीक्षाओं में भ्रष्टाचार ने प्रदेश के लोगों के सब्र के बांध को तोड़ दिया है। अब भ्रष्टाचार के विरुद्ध इस लड़ाई में आरपार होगा। 14 सितंबर को होने जा रही युवाओं की जनआक्रोश रैली में पूरजोर समर्थन किया जाएगा।

इस मौके पर उत्तम सिंह बिष्ट, एनडी तिवारी, पार्षद रवि वाल्मीकी, प्रदीप पंत, मदन सिंह मेर, बच्ची सिंह बिष्ट, गोविंद सिंह घसयाल, जगमोहन सिंह जलाल, एडवोकेट प्रकाश चंद्र जोशी, आनंद सिंह बिष्ट, सूरज पांडे, जगत सिंह बिष्ट, एसएस रावत, रमेश कांडपाल, पीयूष जोशी, प्रेम सिंह बिष्ट, सुशील भट्ट आदि रहे।

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