Black Cocaine: मार्केट में आया नया काला ड्रग, कुत्ते भी सूंघकर कन्फ्यूज हो जाते हैं!

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मुंबई। Narcotics Control Bureau (NCB) ने मुंबई एयरपोर्ट पर बोलीवियाई महिला के पास से 13 करोड़ रुपए कीमत की ब्लैक कोकीन (Black Cocaine) जब्त की है। कोकेन में अन्य केमिकल मिलाकर ब्लैक कोकीन बनाई जाती है। एक अधिकारी के मुताबिक देश में पहली बार जब्त की गई ‘ब्लैक कोकीन’ को ट्रेस कर पाना काफी मुश्किल …

मुंबई। Narcotics Control Bureau (NCB) ने मुंबई एयरपोर्ट पर बोलीवियाई महिला के पास से 13 करोड़ रुपए कीमत की ब्लैक कोकीन (Black Cocaine) जब्त की है। कोकेन में अन्य केमिकल मिलाकर ब्लैक कोकीन बनाई जाती है। एक अधिकारी के मुताबिक देश में पहली बार जब्त की गई ‘ब्लैक कोकीन’ को ट्रेस कर पाना काफी मुश्किल होता है और ये स्निफर डॉग्स को भी चकमा दे सकती है।

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अमेरिका से भारत आने वाले ड्रग पेडलर्स अब एक नए ड्रग का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसा ड्रग जिसे न तो पहचाना जा सकता है, न ही स्निफर डॉग्स इसे सूंघ सकते हैं। नाम है ब्लैक कोकीन, जिसे ट्रैक कर पाना बेहद मुश्किल है। 26 सितंबर को NCB (Narcotics Control Bureau) ने बोलीविया की एक महिला को मुंबई एयरपोर्ट से इस ड्रग के साथ गिरफ्तार किया है। उसके पास 3.2 किलो ब्लैक कोकीन मिला है। इसकी कीमत 13 करोड़ रुपये बताई जा रही है।”

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कैसे पकड़ में आए आरोपी?
NCB को सूचना मिली थी कि एक दक्षिण अमेरिकी नागरिक ड्रग्स के साथ मुंबई पहुंचेगा। फिर इसे आसपास के राज्यों में सप्लाई किया जाएगा। 26 सितंबर को NCB के अधिकारी मुंबई एयरपोर्ट पर पहंचे। ड्रग्स सप्लाई करने वाली महिला की पहचान बोलीविया की नागरिक के रूप में हुई। उसके सामान की तलाशी ली गई तो 12 पैकेटों में काले रंग का पदार्थ मिला। बाद में पता चला कि ये ब्लैक कोकीन है।

पूछताछ के दौरान महिला ने बताया कि उसे ये ड्रग्स गोवा में एक नाइजीरियन शख्स को डिलिवर करने थे। NCB के कहने पर महिला ने नाइजीरियन को अपने होटल में बुलाया। वहीं उसे गिरफ्तार कर लिया गया। नाइजीरियाई शख्स एक ड्रग तस्कर है जो गोवा में रह रहा था और कई राज्यों में ड्रग्स सप्लाई करता था। NCB के अधिकारियों से पता चला है कि दोनों आरोपी इंटरनेशनल ड्रग सिंडिकेट का हिस्सा हैं। मामले में आगे की जांच जारी है।

क्या है ब्लैक कोकीन?
US की बेडरॉक रिकवरी सेंटर की वेबसाइट के मुताबिक, ब्लैक कोकीन एक बेहद नशीला और अवैध ड्रग है. ये कोकीन हाइड्रोक्लोराइड या कोकीन बेस होता है। इसे डाय, कोयला, कोबाल्ट, एक्टिवेटेड कार्बन या आयरन सॉल्ट जैसी चीजें मिलाकर काला कर दिया जाता है। NCB मुंबई के जोनल डायरेक्टर अमित घवटे ने बताया, ब्लैक कोकीन एक दुर्लभ ड्रग है जिसमें कोकीन और कुछ और ड्रग्स मिले होते हैं। ये सूंघने वाले कुत्तों को भी चकमा दे सकता है। ये नया है और बाजार में आसानी से बेचा जा सकता है।

क्यों बदलते हैं कोकीन का रंग?
ड्रग्स का रंग बदलने के तीन बड़े कारण हैं, ड्रग देखने में पहचान में न आ सके। कलर बेस्ड ड्रग टेस्ट को मात दे सके।
ड्रग में मिली दूसरी चीज़ें ड्रग की गंध को न्यूट्रलाइज़ कर देती हैं यानी खत्म कर देती हैं। इसके चलते स्निफर डॉग्स भी इसे सूंघ नहीं पाते हैं। इसे आसानी से छिपाकर दूसरे देशों में सप्लाई किया जा सकता है. कोकीन को छिपाने की इस टेक्नीक से लाल, नीले, पीले और यहां तक की पारदर्शी कोकीन भी बनाया जाता है। एक बार जब ब्लैक कोकीन दूसरी जगह पहुंच जाए तो केमिकल ट्रीटमेंट के जरिए इसमें से कोकीन बेस अलग कर दिया जाता है और फिर उसे आगे सप्लाई किया जाता है।

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ट्रेस करना मुश्किल
ब्लैक कोकीन को ट्रेस कर पाना काफी मुश्किल होता है। नारकोटिक्स टेस्ट के जरिए ही ब्लैक कोकीन में छिपे कोकीन को डिटेक्ट किया जा सकता है। दुनियाभर के देशों में इसकी तस्करी की जाती है। कभी मूर्तियों में डालकर, पाउडर में छिपाकर, डाय में मिलाकर, खाद में छिपाकर या प्लास्टिक के सामान में भी इसे बरामद किया गया है। पिछले साल ही स्पेन की पुलिस ने 860 किलो का ब्लैक कोकीन पकड़ा था जो कि देखने में बिल्कुल कोयले की तरह था।
1999 में डिटेक्ट ना किए जाने वाले इस ब्लैक कोकीन के लिए ग्लोबल अलर्ट जारी किया गया था। कोलम्बियाई ड्रग तस्करों ने अपने उत्पाद को देश से बाहर निकालने के लिए तमाम हथकंडे अपनाए हैं। उन्होंने इसे कॉफी की बोरियों में मिला दिया है, व्हिस्की और शैम्पू की बोतलों में घोल दिया है, प्लास्टिक में छिपाया है और यहां तक ​​कि महिलाओं को इसे अपने निजी अंगों में छिपाने के लिए प्रोत्साहित किया है।

कितना खतरनाक है?
ब्लैक कोकीन को बाकी ड्रग्स के साथ मिलाकर भी इस्तेमाल किया जाता है और इसके बेहद खतरनाक साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। इससे सिरदर्द, मतली या उल्टी हो सकती है। ड्रग ओवरडोज होने पर दिल का दौरा, बैक्टीरियल इंफेक्शन, हेपेटाइटिस बी और सी और अचानक मौत भी हो सकती है। एक ही सीरिंज से अगर एक से ज्यादा लोग ड्रग लेते हैं तो HIV संक्रमण भी हो सकता है।

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