अब ‘Jio Ganga Portal’ पर गंगा घाटी में Water Quality की होगी निगरानी

Amrit Vichar Network
Published By Amrit Vichar
On

नई दिल्ली। सरकार भू स्थानिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करके सम्पूर्ण गंगा घाटी का मानचित्र तैयार करने और जल स्तर सहित विभिन्न बातों के बारे में एकीकृत आंकड़ा जुटाएगी। साथ ही सरकार इस उद्देश्य के लिये ‘जियो-गंगा पोर्टल’ तैयार करेगी। ये भी पढ़ें:-कर्ण सिंह ने कहा- जम्मू कश्मीर में जल्द चुनाव कराये जाएं राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा …

नई दिल्ली। सरकार भू स्थानिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करके सम्पूर्ण गंगा घाटी का मानचित्र तैयार करने और जल स्तर सहित विभिन्न बातों के बारे में एकीकृत आंकड़ा जुटाएगी। साथ ही सरकार इस उद्देश्य के लिये ‘जियो-गंगा पोर्टल’ तैयार करेगी।

ये भी पढ़ें:-कर्ण सिंह ने कहा- जम्मू कश्मीर में जल्द चुनाव कराये जाएं

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के एक अधिकारी ने मीडिया को बताया कि मिशन की कार्यकारी समिति की 45वीं बैठक में देहरादून स्थित भारतीय रिमोट सेंसिंग संस्थान के ‘जियो गंगा : गंगा नदी का अंतरिक्ष आधारित मानचित्रीकरण एवं निगरानी’ विषय पर शोध प्रस्ताव को पिछले महीने अनुमति दी गई। उन्होंने बताया कि बैठक में विस्तृत चर्चा के बाद कार्यकारी समिति ने प्रस्ताव को अनुमति प्रदान कर दी जिस पर 4.83 करोड़ रूपये की लागत आएगी। इसे 36 महीने में पूरा किया जाएगा।

दस्तावेज के अनुसार, इसके तहत भू स्थानिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करके सम्पूर्ण गंगा घाटी का मानचित्र तैयार करने, जल गुणवत्ता की निगरानी तथा नदी के जल स्तर एवं ठोस कचरे के ढ़ेर, बाढ़ के खतरों से जुड़े संभाव्य इलाकों का एकीकृत आंकड़ा तैयार किया जायेगा। साथ ही जलमल संवर्द्धन संयंत्र एवं घाटों की स्थिति, भूमि उपयोग एवं मिट्टी से जुड़े आंकड़ों एवं जल संसाधन से जुड़ी परियोजनाओं के आंकड़े भी जुटाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि इसके योजना के तहत जियो-गंगा पोर्टल तैयार किया जाएगा, जिसमें गंगा घाटी में जल मौसम विज्ञान का विश्लेषण करने एवं मानदंडों से जुड़ा डाटाबेस शामिल होगा।

इसके अलावा मिट्टी के सतह की नमी, घाटों, एसटीपी (जल-मल शोधन संयंत्र) एवं नालों के प्रवाह तथा ठोस कचरा से जुड़े स्थलों आदि का आंकड़ा भी होगा। अधिकारी ने कहा कि इसमें चुनिंदा स्थलों के लिये उच्च क्षमता का रिमोट सेंसिंग डाटा का उपयोग किया जायेगा। साथ ही जल गुणवत्ता मूल्यांकन एवं ठोस कचरा स्थलों के प्रबंधन के लिये मोबाइल मैंपिंग समाधान एवं एप को भी जोड़ा जाएगा ।

ये भी पढ़ें:-ED: टीआरएस सांसद मधुकॉन, 80 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क 

 

संबंधित समाचार