बरेली: वाइटल पल्प थेरेपी दांत के रोगियों के लिए हो रही कारगर- डॉ. अगम भटनागर
इंडियन डेंटल एसोसिएशन की ओर से कांफ्रेंस का आयोजन
जिस प्रकार देश का परिवेश बदल रहा है। बीमारियां भी बढ़ती जा रही हैं। दांत संबंधी बीमारियों के रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ओरल ट्रीटमेंट
बरेली, अमृत विचार। जिस प्रकार देश का परिवेश बदल रहा है। बीमारियां भी बढ़ती जा रही हैं। दांत संबंधी बीमारियों के रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ओरल ट्रीटमेंट में बीते 4-5 वर्षों में परिवर्तन आया है। अब रूट कैनाल के लिए भी मरीज को सिर्फ एक बार ही क्लीनिक पर जाना पड़ता है।
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वाइटल पल्प थेरेपी को रूट कैनाल ट्रीटमेंट का विकल्प माना जा रहा है। इसमें मरीज को काफी सहूलियत होती है। यह बातें रविवार को इंडियन डेंटल एसोसिएशन की ओर से पीलीभीत बाईपास स्थित होटल में आयोजित कांफ्रेंस में गुड़गांव से आए डॉ. अगम भटनागर ने कहीं।
डॉ. भटनागर ने कहा कि आज महानगरों के साथ ही कई शहरों में भी विदेशों जैसा इलाज, वैसी ही सुविधा मौजूद है। दांतों का जो इलाज पहले दिल्ली-मुंबई में होता था, वही इलाज अब बरेली में मिल रहा है।
उन्होंने वाइटल पल्प थेरेपी के बारे में बताया कि इलाज में इसका उपयोग लगातार बढ़ रहा है और इसका सक्सेज रेट करीब 92 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि तंबाकू सेवन की वजह से दांत में परेशानी अधिक होती है। इसमें पायरिया एक प्रमुख बीमारी है।
कांफ्रेंस में आईडीए के अध्यक्ष डा. पुनीत लूनियाल, डा. अनूप आर्य, डा. दिनेश राय, डा. राघव चौधरी, डा. राहुल वोहरा, डा. रवि सक्सेना आदि मौजूद रहे।
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