केरल में कुछ घटनाएं हो रही हैं लेकिन हमें उन्हें नजरअंदाज करना सीखना चाहिए: आरिफ मोहम्मद खान

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Published By Moazzam Beg
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पणजी। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने वाम नीत सरकार और उनके बीच कई मुद्दों पर गतिरोध का संदर्भ देते हुए शनिवार को कहा कि राज्य में कुछ घटनाएं हो रही हैं, लेकिन उन्हें नजरअंदाज किया जाना चाहिए। खान गोवा ग्राम संपूर्ण यात्रा के पूरा होने के उपलक्ष्य में डोना पाउला में राजभवन में अपने गोवा समकक्ष पी एस श्रीधरन पिल्लई द्वारा आयोजित एक समारोह को संबोधित कर रहे थे। बिना किसी का नाम लिए खान ने यह भी कहा कि कुछ लोगों के साथ असल समस्या यह है कि वह (खान) किसी से भी बेहतर तरीके से मुंडू (धोती) पहनते हैं, हालांकि वह केरल में पैदा नहीं हुए हैं और जोड़ा कि,कोई विवाद या टकराव नहीं है।

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खान ने कहा, केरल में कुछ घटनाएं हो रही हैं। हां, कुछ चीजें हुई हैं लेकिन हमें उन्हें नजरअंदाज करना सीखना चाहिए। केरल सरकार ने इस महीने की शुरुआत में एक अध्यादेश जारी कर राज्यपाल खान को राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलपति पद से हटा दिया था। बाद में सरकार ने 5 दिसंबर से विधानसभा सत्र को बुलाने का भी फैसला किया। हालांकि, उन्होंने कहा था कि विधानसभा बुलाए जाने के कारण अध्यादेश निष्फल हो गया है।

केरल के राज्यपाल ने यह भी कहा कि कभी-कभी लोगों को लगता है कि यदि आप केरल में पैदा नहीं हुए हैं तो आप मलयाली की तरह क्यों दिखते हैं। उन्होंने कहा, मुझे इस तथ्य पर गर्व है। मैं मलयाली, केरल को महसूस करता हूं। यह सच है कि केरल अंतिम (सबसे दक्षिणी) राज्य है, लेकिन किसी को नहीं भूलना चाहिए। हम अपने महान पहले उप प्रधानमंत्री सरदार पटेल (रियासतों के एकीकरण के लिए) को सारा श्रेय देते हैं। खान ने कहा कि अखंड भारत के निर्माण का श्रेय पटेल को दिया जाना चाहिए। 

उन्होंने कहा, हम गर्व से कहते हैं कि हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं। सरदार पटेल ने इमारत का निर्माण किया था। संरचना, नींव, केरल के महान आदि शंकराचार्य ने रखी थी। सभा को संबोधित करते हुए, गोवा के राज्यपाल पिल्लई ने शनिवार को खान द्वारा कथित तौर पर किए गए यात्रा खर्चों के बारे में कुछ खबरों का उल्लेख किया।

उन्होंने कहा, कुछ खबरों में, यह कहा गया है कि केरल के राज्यपाल ने यात्रा पर एक बड़ी राशि खर्च की। जहां आठ महीने में 20 लाख रुपये खर्च करने के लिए केरल के राज्यपाल की आलोचना की जाती है, वहीं मैंने यात्रा पर आठ महीने में करीब 48 लाख रुपये खर्च किए। जन प्रतिनिधियों को यात्रा करनी चाहिए।

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