पदमपुर में कारोबारियों ने बातचीत के बाद बंद का इरादा टाला, एक छापेमारी के बाद व्यापारियों ने 12 घंटे के बंद का किया था आह्वान

पदमपुर में कारोबारियों ने बातचीत के बाद बंद का इरादा टाला, एक छापेमारी के बाद व्यापारियों ने 12 घंटे के बंद का किया था आह्वान

आयकर विभाग ने ओडिशा के बरगढ़ जिले के पदमपुर विधानसभा क्षेत्र में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) के करीबी माने जाने वाले तीन व्यवसायियों के आवासों पर सोमवार को छापे मारे जबकि राज्य सरकार के जीएसटी विभाग ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समर्थित व्यवसायियों पर कार्रवाई की।

भुवनेश्वर। ओडिशा के पदमपुर में व्यापारियों ने अधिकारियों के साथ बातचीत के बाद मंगलवार को प्रस्तावित 12 घंटे के बंद को रद्द कर दिया है। आयकर और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विभागों की एक के बाद एक छापेमारी के बाद मंगलवार को व्यापारियों ने 12 घंटे के बंद का आह्वान किया था। पदमपुर में पांच दिसंबर को उपचुनाव के लिए मतदान होना है। व्यावसायियों ने कहा कि जीएसटी अधिकारियों के साथ बातचीत करने के बाद बंद रद्द कर दिया गया है।

ये भी पढ़ें:- नि:संतान दंपति ने जिला सरोगेसी बोर्ड स्थापित करने को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट का किया रुख

आयकर विभाग ने ओडिशा के बरगढ़ जिले के पदमपुर विधानसभा क्षेत्र में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) के करीबी माने जाने वाले तीन व्यवसायियों के आवासों पर सोमवार को छापे मारे जबकि राज्य सरकार के जीएसटी विभाग ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समर्थित व्यवसायियों पर कार्रवाई की। पदमपुर, पैकमल और झारबांधा शहरों में व्यापारियों पर जीएसटी कार्रवाई के खिलाफ स्थानीय व्यावसायियों ने मंगलवार को 12 घंटे के बंद का आह्वान किया था। 

जीएसटी विभाग ने जिन लोगों के परिसर पर छापे मारे, उनमें भाजपा की पदमपुर इकाई के अध्यक्ष सुनील अग्रवाल शामिल हैं। पदमपुर के विधायक बिजय रंजन सिंह बरिहा के निधन के कारण उपचुनाव की आवश्यकता पड़ी है। बीजद ने इस बार पदमपुर में बरिहा की बेटी वर्षा सिंह बरिहा को उम्मीदवार बनाया है, जहां पूर्व विधायक और ओडिशा भाजपा कृषक मोर्चा के अध्यक्ष प्रदीप पुरोहित ने कड़ी टक्कर दी है। कांग्रेस ने अपने तीन बार के विधायक सत्य भूषण साहू को प्रत्याशी बनाया है। 

बीजद ने पदमपुर उपचुनाव के लिए आक्रामक प्रचार के बीच आईटी के छापों की निंदा की है। पार्टी के वरिष्ठ नेता शशि भूषण बेहरा ने कहा कि उपचुनाव के मद्देनजर आईटी के छापे स्वीकार्य नहीं है। आईटी के पास किसी भी वक्त कहीं भी छापे मारने का वक्त था लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण रूप से उसने अब ऐसा किया।

ये भी पढ़ें:- Gujarat Election 2022: गुजरात में प्रचार का आज आखिरी जोर, किसे मिलेगा वोट ?