रायबरेली : तेरह साल से खुले आसमान के नीचे संचालित हो रहा आंगनबाड़ी केंद्र

Amrit Vichar Network
Published By Vinay Shukla
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अमृत विचार, रायबरेली। महिला एवं बाल स्वास्थ्य तथा शिक्षा को लेकर सरकार बहुत संजीदा है ।इसके लिए सरकार का बहुत बड़ा बजट खर्च हो रहा है। इसके बावजूद इन योजनाओं की धरातल पर हकीकत बड़ी दयनीय है ।

बछरावां विकास क्षेत्र के गांव बिशुनपुर कमनी  के तालाब में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र तेरह सालों से खुले आसमान के नीचे चल रहा है। इस आंगनबाड़ी केंद्र में कुल 35 बच्चे पंजीकृत है। यहां पर गांव के बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ तथा शिक्षा की बुनियाद तैयार की जाती है। गांव की कुल आबादी करीब ढाई हजार है।

इतनी बड़ी आबादी में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र को तेरह सालों में एक अदद छत नहीं मिल पाई है। आश्चर्य तो तब होता है जब विभाग भी आंगनवाड़ी केंद्र को चलाने के लिए किराए पर मकान की अनुमति नहीं दे रहा है और न ही उसका भुगतान कर रहा है। ऐसी दशा में आंगनबाड़ी केंद्र संचालिका आवश्यक सामान कहां रखे ?उसके सामने विषम स्थिति है ।

संचालिका अनीता ने बताया उन्हें पांच हजार पांच सौ रुपए मानदेय मिलता है। इतने कम पैसे में अपनी जीविका चलाएगी या किसी भवन का किराया देगी। मजबूरन गांव के लोगों से अनुनय विनय करके किसी तरह उनके घर में आंगनवाड़ी केंद्र का सामान रखा जाता है ।

इस बारे में बाल विकास परियोजना अधिकारी कई बार गांव के लोगों ने आंगनवाड़ी केंद्र के लिए भवन देने का अनुरोध किया है, किंतु आज तक इस केंद्र को अपना भवन नहीं मिल पाया है। गांव की आयशा बानो, राहत बानो और आशा देवी आदि ने बताया कि बरसात के दिनों में खुद का कमरा न होने के कारण केंद्र का संचालन करना बहुत कठिन हो जाता है।

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