लखीमपुर-खीरी: महिला डॉक्टर की हत्या, दहेज के बक्से में पति-ससुर ने छुपाया शव

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Published By Vikas Babu
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पति-ससुर की निशानदेही पर गौरी अस्पताल से बरामद हुआ बक्सा

अमृत विचार, लखीमपुर-खीरी। डीएम गोंडा के ओएसडी की बेटी बीएएमएस डॉक्टर वंदना की सनसनीखेज हत्या ने सभी को चौका दिया है। वंदना को क्या पता था कि विदाई के समय पिता ने जो बक्सा उसे दहेज में दिया। वही एक दिन उसका ताबूत बनेगा। हत्यारोपी पति डॉ. अभिषेक हत्या करने के बाद वंदना का शव उसी बक्से में रखकर अपने निजी अस्पताल तक ले गया था और कमरे के अंदर छुपाकर रख दिया।

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पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त बक्सा बरामद कर दोनों आरोपियों का चालान भेजा है।
डीएम गोंडा के एसओडी शिवराज शुक्ला की बेटी वंदना (28) बीएएमएस थी। उसकी शादी फरवरी 2014 में लखीमपुर शहर के मोहल्ला बहादुर नगर निवासी सेवानिवृत गन्ना निरीक्षक गौरीशंकर अवस्थी के पुत्र डॉ अभिषेक अवस्थी से हुई थी।

डॉ अभिषेक ने सीतापुर हाईवे पर गांव वाजपेई के निकट गौरी अस्पताल के नाम से अपना निजी अस्पताल खोला था, जिसमें दोनों प्रैक्टिस करते थे। एएसपी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि मार्च 2018 में डॉ. आशुतोष छत से गिर गया था, जिससे उसके पीठ की नस दब गयी थी। वर्ष 2020 में टेस्ट ट्यूब बेबी से डॉ. वंदना को जुडवा कृष्णा व आराध्या बच्चे हुए थे। तभी से पति-पत्नी में आए दिन विवाद होता था।

26 नवंबर की शाम पांच बजे भी पति-पत्नी में विवाद हुआ और इस दौरान हुई मारपीट में सिर पर गंभीर चोट आने के बाद वंदना की मौत हो गई। मौत से सभी घबरा गए। शादी के समय दहेज में जो बड़ा बक्सा मिला था। उसी बक्से में डॉ. अभिषेक ने अपने पिता गौरी शंकर अवस्थी के साथ मिलकर आनन-फानन में शव रख दिया।

अगले दिन सुबह करीब पांच बजे डॉ अभिषेक रेलवे स्टेशन के पास पहुंचा और बहादुर नगर से घर का कुछ सामान अपने निजी अस्पताल ले जाने की बात कहकर एक लोडर व दो मजदूर लिए। इसी लोडर पर बक्सा और कुछ अन्य सामान रख दिया और अपने हॉस्पिटल ले गया, जहां दोनों ने शव को बक्से सहित हॉस्पिटल के बेसमेंट में रख दिया था।

पुलिस मंगलवार को आरोपी ससुर को लेकर उसके निजी अस्पताल पहुंची और कमरे में रखे बक्से को बरामद कर कब्जे में ले लिया। हत्यारोपी मृतका के ससुर ने बताया कि बरामद बक्सा विदाई के समय मृतक वंदना के पिता ने दहेज में दिया था।  

एंबुलेंस से अर्थी के रूप में गढ़ मुक्तेश्वर ले गए थे शव
हत्यारोपी डॉ अभिषेक और उसके पिता गौरीशंकर अवस्थी ने बड़े ही शातिराना तरीके से शव को ठिकाने लगाने की योजना बनाई। योजना के मुताबिक निजी अस्पताल में ही अर्थी तैयार की गई। कफन उढ़ाकर बकायदा अर्थी को सजाया भी गया।

इसके बाद 27 नवंबर की सुबह जिला अस्पताल के पास से एक एंबुलेंस यह कहकर ले गए कि पत्नी की दुर्घटना में मौत हो गई है। शव का अंतिम संस्कार गढ़मुक्तेश्वर में होगा। एंबुलेंस से शव लेकर उसी दिन गढ़ मुक्तेश्वर पहुंचे और शाम करीब आठ बजे शव का अन्तिम संस्कार कर दिया था। घटना को छुपाने के उद्देश्य से आशुतोष अवस्थी अपने ससुर से साथ थाने पहुंचा और पत्नी की गुमशुदगी दर्ज कराई थी।

रास्ते भर एंबुलेंस चालक को भी पिता-पुत्र करते रहे गुमराह
वंदना हत्याकांड का खुलासा करने वाली सदर कोतवाली पुलिस ने एंबुलेंस को भी कब्जे में लिया है। पुलिस के मुताबिक एंबुलेंस चालक गुड्डू को भी रास्ते भर आरोपी पिता-पुत्र गुमराह करते रहे। सीओ सिटी संदीप सिंह ने बताया कि चालक को एंबुलेंस में शव रखते समय तीसरे किसी व्यक्ति के मौजूद न होने पर शक हुआ तो उसने कई बार पूछा, लेकिन पिता-पुत्र उसे भी गुमराह करते रहे। चालक के मुताबिक उसने मायके वालों के बाबत जब आरोपियों से पूछा तो मोबाइल पर बात की। फिर उसे बताया कि मायके वाले लखनऊ से सीधे गढ़ मुक्तेश्वर अपनी गाड़ी से पहुंच रहे हैं।

हत्या के बाद दो दिन तक बंद रहा मोबाइल
मृतका के पिता के साथ कोतवाली सदर पहुंचे मृतक के पति अभिषेक अवस्थी ने गुमशुदगी दर्ज कराई थी। पुलिस ने पति और ससुर से जब शुरुआती जानकारी ली तो दोनों के बयान अलग-अलग थे। इस पर पुलिस का शक गहराया और उसने मृतका के साथ ही पति और उसके ससुर की मोबाइल कॉल डिटेल निकाली  तो तीनों मोबाइल स्विच ऑफ मिले थे।

गढ़ मुक्तेश्वर से पुलिस से लिए फोटो ग्राफ
पुलिस के मुताबिक गढ़ मुक्तेश्वर में अंतिम संस्कार के पहले शव के साथ परिजनों की फोटोग्राफी की जाती है। उसके बाद जब अंतिम संस्कार किया जाता है तो जलती चिता के साथ भी फोटो खींचे जाते हैं। पुलिस ने गढ़ मुक्तेश्वर से दोनों फोटो ग्राफ लिए हैं। इसके अलावा उस रजिस्टर की प्रति भी ली है, जिस पर नाम-पता दर्ज किया जाता है। हत्यारोपी पति ने अंतिम संस्कार के दौरान मृतका और अपना नाम व रिश्ता भी सही दर्ज कराया था।

सास-ननद की भी होगी गिरफ्तारी
जिस वक्त बहादुर नगर स्थित मकान पर वंदना की हत्या हुई। उस वक्त वंदना की सास विमलेश अवस्थी और ननद निशा अवस्थी पत्नी वीरेंद्र कुमार शुक्ला भी मौजूद थीं। यह दोनों महिलाएं भी हत्या के मामले में आरोपी हैं। हालांकि पुलिस अभी मामले की जांच कर रही है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि जल्द ही पुलिस दोनों आरोपी महिलाओं को भी गिरफ्तार कर जेल भेज सकती है।

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