बहराइच:  कैशलेस इलाज के जारी शासनादेश के विरोध में प्रदर्शन

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Published By Vinay Shukla
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अमृत विचार, बहराइच। प्रदेश के कर्मचारियों के इलाज के लिए लागू की गई सरकार की महत्वाकांक्षी कैशलेस इलाज योजना शुरुआत से पहले ही विवादों में घिर गयी है। कैशलेस के नाम पर शुल्क लेकर इलाज की सुविधा शिक्षकों को रास नही आ रही। इसके लिए शुक्रवार को शिक्षकों ने विरोध करते हुए प्रदर्शन किया। सभी ने नियम को वापस लिए जाने की मांग की।

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिलाध्यक्ष आनंद मोहन मिश्र की अध्यक्षता में शुक्रवार को सभी ने विरोध प्रदर्शन किया। जिलाध्यक्ष ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री की मंशा के विपरीत जबरन शिक्षकों को शुल्क के साथ इलाज की सुविधा दिलाना चाहते हैं।

प्रदेश के  परिषदीय विद्यालयों में अध्यापन कर रहे शिक्षकों के कैशलेस इलाज को जारी शासनादेश में विसंगतियो को लेकर प्रदेश नेतृत्व राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश के आव्हान पर सभी जनपदों में जिलाधिकारी महोदय के माध्यम से मुख्यमंत्री को संबोधित कैशलेस चिकित्सा के सशुल्क चिकित्सा बीमा आदेश को निरस्त कराने का कार्यक्रम तय हुआ है।

जिला महामंत्री उमेश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि हम शिक्षकों के लिए  राज्यकर्मचारियों की भांति पूर्णतयः निःशुल्क व्यवस्था की पुरजोर मांग करते है। इसके बाद सभी ने ज्ञापन दिया। इस दौरान जिला कोषाध्यक्ष सगीर अंसारी, जिला संगठन मंत्री रवि मोहन शुक्ल आदि थे। 

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