PM नरेंद्र मोदी का जन्मस्थल World Heritage की लिस्ट में हुआ शामिल, इस में क्या थी UNESCO की मंशा
PM नरेंद्र मोदी की जन्मस्थली वडनगर को यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज की संभावित लिस्ट में शामिल किया है। इसके साथ मोढेरा के सूर्य मंदिर और त्रिपुरा में चट्टानों को काटकर बनाई गई आकृतियां उनाकोटि को भी इस लिस्ट में जगह दी गई है।
गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मस्थल वडनगर को यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज की संभावित लिस्ट में शामिल किया है। जाने वडनगर को वर्ल्ड हेरिटेज की लिस्ट में क्यों जगह मिली और किसी ऐतिहासिक जगह को कब वर्ल्ड हेरिटेज घोषित किया जाता है।
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PM नरेंद्र मोदी की जन्मस्थली वडनगर को यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज की संभावित लिस्ट में शामिल किया है। इसके साथ मोढेरा के सूर्य मंदिर और त्रिपुरा में चट्टानों को काटकर बनाई गई आकृतियां उनाकोटि को भी इस लिस्ट में जगह दी गई है। गुजरात के लिहाज से मोढेरा का सूर्य मंदिर और वडनगर दोनों ही महत्वपूर्ण हैं। ये महेसाणा जिले में आते हैं। केंद्रीय पर्यटन मंत्री किशन रेड्डी ने ट्वीट करते हुए इसकी पुष्टि की है.
Congratulations India!
— G Kishan Reddy (@kishanreddybjp) December 20, 2022
India adds 3 more sites to @UNESCO’s Tentative List:
01 Vadnagar- A multi-layered Historic town, Gujarat
02 Sun Temple, Modhera and its adjoining monuments
03 Rock-cut Sculptures and Reliefs of the Unakoti, Unakoti Range, Unakoti District pic.twitter.com/CAarM4BfnE
वडनगर को क्यों चुना गया
पुराने दस्तावेजों पर नजर डालें तो वडनगर 2500 साल पुराना ऐतिहासिक शहर है। 7वीं शताब्दी में भारत आए चीनी यात्री ह्वेन त्सांग की यात्रा में वडनगर का जिक्र किया गया हैइस पर बौद्ध धर्म का प्रभाव भी रहा है। यहां के कई हिस्सों में जैन गुफाएं मौजूद रहीं और यहां सोलंकी शासकों ने कई स्मारक बनवाए है।
वडनगर के प्राचीन होने की पुष्टि कई बार यहां खुदाई में मिले अवशेषों के जरिए भी हुई है। खुदाई के दौरान मिट्टी के प्राचीन बर्तन, गहने और अलग तरह के हथियार मिले हैं। कई पुरातत्वविदों का मानना है कि वडनगर हड़प्पा सभ्यता के पुरात्तत्वस्थलों में से एक है, यह ऐसी सभ्यता है जिसे भारत की प्राचीन सभ्यता माना जाता है। कहा जाता है कि वडनगर एक समय अर्जुन बारी, नादीओल, अरथोल, घसकोल, पिथोरी और अमरथोल नाम के 6 तरह गेटों से घिरा था। इस लेहाज से यह प्राचीन है।
इतिहास में वडनगर को कई नामों से जाना गया है। इसमें आनंदपुर, स्नेहपुर और विमलपुर शामिल हैं. कहा जाता है कि इसी प्राचीन शहर में गायिका ताना और रीरी नाम का जन्म हुआ। जब अकबर के दरबार में तानसेन ने राग दीपक गाया तो उनका शरीर झुलस गया था। तब ताना और रीरी बहनों ने जो राग मल्हार गाया उससे उनका ताप कम हुआ।
यहां 5वीं शताब्दी में बना हाटकेश्वर मंदिर है जो काफी प्रसिद्ध है। इसके अलावा ऐतिहासिक शर्मिष्ठा झील और सीढ़ियों वाला कुआं प्रसिद्ध रहा है। वडनगर में ऐसी कई जगहें पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रही हैं। यूनेस्को द्वारा वडनगर को वर्ल्ड हेरिटेज का ताज देने के बाद यहां सैलानियों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
कैसे मिलता है वर्ल्ड हेरिटेज का ताज, क्या है पैमाना ?
यूनेस्को ने किसी जगह को वर्ल्ड हेरिटेज चुनने के लिए कुछ पैमाने तय किए हैं. जैसे- वो इंसानों द्वारा तैयार एक मास्टरपीस होना चाहिए. वो स्मारक, पुरातत्व कला, तकनीक या शिल्प के विकास पर किसी खास समय में दुनिया के सांस्कृतिक परिदृश्य में मानवीय मूल्यों का हिस्सा रहा हो। निर्माण का ऐसा बेहतरीन नमूना हो जो वास्तुकला, स्थापत्य कला या प्राकृतिक रूप से दिलचस्प हो।
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