हल्द्वानी: गफूर बस्ती वाले उजड़ने को तैयार, लेकिन पहले जगह दे सरकार

Amrit Vichar Network
Published By Babita Patwal
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हल्द्वानी, अमृत विचार। रेलवे की जमीन पर बसे हजारों परिवार की सांसें हलक में अटकी हैं। हाईकोर्ट के आदेश के बाद इनके आशियाने छिनने तय हैं। इधर, परिवारों को उजड़ने से बचाने के लिए बनभूलपुरा संघर्ष समिति एक आखिरी याचिका लेकर सुप्रीम कोर्ट रवाना हो गई है। बता दें कि अतिक्रमण हटने पर 60 हजार से ज्यादा लोगों के सामने रात गुजारने का संकट खड़ा हो जाएगा। 

बनभूलपुरा संघर्ष समिति के संयोजक उवेश राजा ने बताया कि न्यायालय का निर्णय सर्वमान्य है, लेकिन रातों-रात किसी को उनके घर से बेदखल करना भी उचित नहीं है। वह इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं। वह कोर्ट के सामने तर्क रखेंगे कि लोग यहां सालों से रह रहे हैं और लोगों को अपने घर छोड़ने पर भी कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इसके बाद ये लोग कहां जाएंगे। वह कोर्ट से गुहार लगाएंगे कि लोगों को उजाड़ने से पहले उन्हें कहीं बसाने की व्यवस्था की जाए।

उवेश ने कहा कि बस्ती में रहने वाले लोग वोट देते हैं, बिजली और पानी का बिल जमा करते हैं। बस्ती के पते पर लोगों ने अपने आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और अन्य कागजात बना रखे हैं। ऐसे में अचानक लोगों को हटाने का फैसला लोगों को कई तरह की मुसीबत में डाल देगा। उवेश का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट उनकी बात को समझेगी और लोगों के हित में फैसला देगी। 

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