बरेली: ग्रामीण क्षेत्र की खराब सड़कें खोल रहीं दावों की पोल
अफसरों के लिए बजट ठिकाने लगाने का जरिया बनी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, पिछले महीने करोड़ों खपाए लेकिन सड़कों की बदहाली न हटा पाए
बरेली, अमृत विचार। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत ग्रामीण क्षेत्र की बदहाल सड़कों की मरम्मत के नाम पर हुई खानापूर्ति के बाद अधिकारी भले ही अपने काम कराने के दावों की ताल ठोक रहे हों लेकिन हकीकत में हालात बदतर नजर आ रहे हैं।
यह योजना अफसरों के लिए सिर्फ बजट ठिकाना लगाने का जरिया बन चुकी है। नवाबगंज, मीरगंज, फरीदपुर समेत कई क्षेत्रों की जख्मी सड़कें विकास के दावों की पोल खोलने को काफी हैं। बीते माह 30 नवंबर तक जिले की सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के निर्देश दिए थे। इस दौरान पीएमजीएचवाई से जुड़े अधिकारी और ठेकेदारों ने बजट ठिकाने लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
मीरगंज से सिरौली जाने वाला मार्ग हो या भुता-फरीदपुर रोड। भोजीपुरा के धमौरा-चौपारा सुमाली मार्ग हो या कृषि मंडी समिति रोड करोड़ों रुपये पैचवर्क आदि के नाम पर खर्च कर दिए। इसके अलावा कई जगह तो रोड अब भी उखड़ी पड़ी हैं, लेकिन जिन सड़कों को ठीक करने की बात कही गई वह हालत पहले से भी ज्यादा बदतर हैं।
मीरगंज के सिरौली मार्ग से सटे गांव के रहने वाले ग्रामीणों का आरोप है कि जिम्मेदारों की उदासीनता और निचले स्तर पर कमीशनबाजी का नतीजा है कि सड़कों के निर्माण में खेल रुक नहीं रहे हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों की बदहाल सड़कों के पैचवर्क में सभी मानकों का ध्यान रखा गया है। अगर कहीं कोई गड़बड़ी हुई है तो शिकायत मिलने पर जांच कराई जाएगी। जिस स्तर पर गड़बड़ी उजागर होगी संबंधित पर कार्रवाई करेंगे। - चंद्र प्रकाश, अधीक्षण अभियंता, पीएमजीएसवाई
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