बरेली: लहरा उठा परचम-ए-नियाज़िया, दस रोजा उर्स का हुआ आगाज़

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Published By Moazzam Beg
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बरेली, अमृत विचार। बरेली ख़्वाजा कु़तुब स्थित विश्व विख्यात ख़ानकाहे आलिया नियाज़िया पर आज परचम-ए-नियाज़िया लहरा उठा है। इसी के साथ यहां कु़तबे आलम शाह नियाज़ बेनियाज़ अहमद चिश्ती क़ादरी (र0अ0) का उर्स शुरू हो गया है। ख़ानकाह-ए-आलिया नियाज़िया के सज्जादानशीन हज़रत शाह मुहम्मद मेहंदी मियां साहब ने परचम कुशाई की रस्म अदा करते हुए दस रोज़ा उर्स का एलान किया। 

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सिलसिले-ए-नियाज़िया के संस्थापक विश्व विख्यात अज़ीम सूफी बुजु़र्ग कु़तबे आलम हज़रत मौलाना शाह नियाज़ अहमद साहब क़िबाल क़ादरी चिश्ती (रूहानी उत्ताराधिकारी गौस-ए-आज़म ख़्वाजा गरीब नवाज़) का दस रोज़ा उर्स 25 दिसंबर से शुरू हो रहा है जो 3 जनवरी तक जारी रहेगा। उर्स की तमाम तक़रीबात अपनी पूरी शानो शौकत और क़दीमी रिवायात के साथ हज़रत शाह मो0 मेहंदी मियां साहब क़िबला सज्जादा नशीन ख़ानकाहे आलिया नियाज़िया की जेरे सरपरस्ती में मुनअकिद होंगी। दस रोज़ा उर्स में लगातार खानकाही रिवायत के मुताबिक लंगर जारी रहेगा।

सुबह रोज़ाना ख़ानकाह के महफिले खाने में कुरआन ख़्वानी की रूहानी महफिल सजेगी और रात के बाद नमाजे़ इशा हिन्दुस्तान के मशहूरों और मारूफ कव्वाल नज़राना-ए-अक़ीदत पेश करेंगे। इसमें सुफियाना कलाम भी पेश किये जायेंगे। इसके अलावा तमाम ज़ायरीन चादरपोशी और गुलपोशी करेंगे।

उर्स में शिरकत करने के लिए हिन्दुस्तान के कोने-कोने से और विदेशों से तमाम धर्मों के अक़ीदतमंद शिकरत करने के लिए ख़ानकाहे नियाज़िया में पहुंच रहे हैं। इस बार जायरीन की भारी तादाद को देखते हुए उनकी सहूलियत का भी खास ख्याल रख गया है। इस बार मौके पर जिला इन्तज़ामियां में भी खास इन्तज़ाम किया है। 

बता दें इससे पूर्व परचम-ए-नियाज़िया का जुलूस नौमेहला स्थित दरगाह नासिर मियां से रवाना हुआ यहां पहले फातेहा हुई, सलातो सलाम पढ़ा गया, बाद इसके अन्जुमन-ए-साबरिया चिश्तिया के तत्वावधान में परचम का जुलूस ख़ानकाहे नियाज़िया के प्रबन्धक शब्बू मियां नियाज़ी की क़यादत में रवाना हुआ।

यह जुलूस कोतवाली, कुतुबखाना, बड़ा बाज़ार होते हुये ख़ानकाहे नियाज़िया पहुंचा इस जुलूस में खासतौर से ख़ानकाहे नियाज़िया के साहबजादे अम्मार मियां नियाज़ी,, जुनैदी मियां नियाज़ी, उमर मियां नियाज़ी, पाशा मियां नियाज़ी,  दरगाह नासिर मियां के ख़ादिम वसीम साबरी, कमाल साबरी, वकील अहमद, शाहिद साबरी  हाजी तारिक, सय्यद यावर अली नियाज़ी, आफताब नियाज़ी, सय्यद मुनाज़िर अली नियाज़ी, वसीम नियाज़ी, मो0 अदीब नियाज़ी, हसीन नियाज़ी, पुराने शहर के कई अंजुमने भी शामिल हुईं। 

जुलूस के ख़ानकाहे नियाज़िया पहुंचने पर सज्जादा नशीन हज़रत शाह मोहम्मद मेंहदी मियां साहब क़िबला और ख़ानकाहे नियाज़िया के तमाम साहबज़ादगान ने मुरीदों के साथ जुलूस का इस्तक़बाल किया। इसके बाद ही परचम कुशाई की रस्म अदा की गई। उर्स की शुरूआत सुबह कुरआन ख़्वानी से हुई। इसके बाद दरगाह शरीफ पर लोगों की हाज़िरी का सिलसिला शुरू हो गया। दोपहर में फातेहा के बाद लंगरखाना खोल दिया गया।

शब्बू मियां ने ख़ानकाहे नियाज़िया के तमाम साहबज़ादों के साथ उर्स की सारी व्यवस्थाओं का खुद जायज़ा लिया। ज़ायरीनों के आने का सिलसिला आज भी बदस्तूर जारी रहा। शब्बू मियां के निजी सचिव मौलाना कासिम नियाजी ने बताया तमाम तक़रीबात में शिरकत करने के लिए देश-विदेश की ख़ानकाहों के सज्जादगान, मशाइख,प्रोफेसर, डाकटर्स, लेखकर, बुद्विजीव आादि नजराने अकीदत पेश करने के लिए पहुंच रहे हैं। वही कल से शास्त्रीय संगीत के फनकारो का भी आना शुरू हो जायेगा।

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