हल्द्वानी: एनएचएम से लिए जाएंगे अस्पतालों में सर्जन: डॉ. धन सिंह
हल्द्वानी, अमृत विचार। राज्य के अस्पतालों में सबसे अधिक कमी सर्जनों की है। इस साल 47 नए सर्जन मिले हैं। अगले साल तक संख्या दोगुनी होने की उम्मीद है। साल 2024 तक राज्य में सर्जन की दिक्कत खत्म हो जाएगी। फिलहाल सर्जन की कमी को एनएचएम परियोजना से दूर करने की तैयारी चल रही है। ये बात स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने स्वास्थ्य विभाग और एनएचएम की समीक्षा बैठक के दौरान कही।
शुक्रवार को राजकीय मेडिकल कॉलेज के सभागार में समीक्षा बैठक में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य को पहली बार शत-प्रतिशत 29 सौ चिकित्सक मिले हैं। मार्च तक 378 छात्र-छात्राएं एमबीबीएस करके आएंगे, जिन्हें विभिन्न अस्पतालों में तैनाती दी जाएगी। बैठक में मंत्री रावत ने सीएमओ डॉ. भागीरथी जोशी को जनपद के सभी अस्पतालों में सीसीटीवी व बॉयोमेट्रिक उपस्थिति को अनिवार्य करने, 108 आपातकालीन सेवा के रिस्पॉन्स टाइम को और कम करने, मातृत्व मृत्यु दर को रोकने हेतु, 100 प्रतिशत संस्थागत प्रसव के लिए आमजन को जागरूक करने तथा टीकाकरण में सुधार लाने के निर्देश दिए।
उन्होंने जिले में बन रहे 136 हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर की जानकारी ली। कहा कि जिन सेंटर का निर्माण शुरू नहीं हुआ है, जल्द निर्माण शुरू कराया जाये। मंत्री ने गांवों में स्वास्थ्य चौपाल लगाने के निर्देश भी दिए। बताया कि जल्द ही जिले के अस्पतालों में इंफ्रास्ट्रक्चर, चिकित्सकों और लैब की सारी कमी को दूर कर लिया जाएगा।
बैठक में अपर सचिव अमनदीप कौर, निदेशक डॉ. विनीता साह, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की निदेशक डॉ. सरोज नैथानी, कुमाऊं स्वास्थ्य निदेशक डॉ. तारा आर्या, एसीएमओ डॉ. रश्मि पंत, बेस अस्पताल की पीएमएस डॉ. सविता ह्यांकी, महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. उषा जंगपांगी सहित ब्लॉकों के मेडिकल अधिकारी मौजूद रहे।
