रायबरेली: लगातार गिर रहा तापमान, फसलों को पाला से बचाना है तो तुरंत करें यह काम

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Published By Deepak Mishra
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अमृत विचार, रायबरेली। Farmers Advisory... विगत कई दिनों से लगातार तापमान गिर रहा है। शीतलहर की चपेट में पूरा उत्तर भारत है। ऐसी दशा में फसलों को पाला से बचाना किसानों के सामने बड़ी चुनौती है। फसलों पर बागवानी पर पाले के असर और उन्हे बचाने के बेटे के रायबरेली में लेमन मैन के नाम से मशहूर आनंद मिश्र ने जानकारी साझा की है। उन्होंने बताया कि पाले से किसान भाइयों की फसलों/बागवानी का काफी नुकसान हो जाता है ,देश के प्रमुख बागवान पाले से बचाव के तरीके बता रहे हैं। पहले तो ये जानना आवाशक है कि पाला किन परिस्थितियों में पड़ता है?

पाला कब पड़ता है
सर्दी के मौसम मे जब वायुमण्डलीय तापमान  न्यूनतम  चला जाये, तब पाला पडता है! वायुमण्डलीय दशाओ को देखकर अनुमान लगाया जा सकता है कि पाला पड़ने  वाला य़ा नही !  आमतौर पर, जब दिन भर ठंडी व तेज हवा चले  और शाम को हवा रुक जाये, रात्रि मे आकाश साफ हो, वायुमण्डल मे नमी कम हो, ऐसी विशेष परिस्थितिया, रात मे पाला गिरने की  संभावना को बढा देती है! पाला आमतौर पर आधी रात के बाद से सुबह सवेरे के बीच पडता है!

पाले से फसलों को क्या नुकसान होता है
पाले से गेंहू, चना, जौ, मसूर आदि फसलो को  क्षति  होती है! लेकिन पाले से सरसो, आलू, टमाटर आदि फसलो को विशेष हानि होती है, बागवानी फसलों में अमरूद,नींबू, एप्पल बेर सहित फूलो की खेती कर रहे किसानों को पाले के दुष्प्रभाव से फूल झड़ना व फलिया बनने बन्द हो जाते है और पत्ते व तना गलकर काले पडने लगते है व अति होने पर पूरी फसल भी बर्बाद हो सकती है!

पाले से फसलों का बचाव 

  1. खेत मे धुआं करना: पाला पड़ने का पूर्वानुमान होने पर, शाम के समय  मे सूखी घास-फूस , पुआल आदि को आग लगाकर धुआं  करके फसलो को पाले से बचाया जा सकता है! धुआं करने से खेत मे समुचित गर्मी बनी रहती है और फसल के तापमान मे ज्यादा गिरावट नही आती है!
  2. घास-फूस की ढ़ेरिया बनाकर आग इस प्रकार  सावधानी से लगाये कि पुरे खेत मे फसल के ऊपर धूएं की एक पतली परत  बन सके!  
  3. सिचाई करना पाले का पूर्वानुमान होने पर फसल को हल्की  सिचाई देने से भूमि मे एक सप्ताह के लिए गर्मी और नमी बनी रहती है और स्प्रिंकलर द्वारा सिचाई करना ज्यादा लाभदायक रहता  है!  
  4. गंधक के तेजाब का फसलो मे छिड़काव फसलो मे 0.1 प्रतिशत यानि 400 मि .ली. गंधक के तेजाब 400 लीटर पानी/ एकड के छिड़काव से फसल लगभग  2 सप्ताह पाले से बची रहती  है! 
  5. नर्सरी व नकदी सब्जी वाली फसलो को टांट, पालीथीन व भूसे से ढककर बचाव किया जा सकता है!
  6. जिन फसलो मे पाला लग चुका है उनमे रिकवरी के लिए एक  किलो 19: 19: 19 य़ा  म्यूरेट आफ पोटाश (MOP) या यूरिया 100 लीटर पानी प्रति एकड छिड़काव करे!

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