हल्द्वानी: 'प्राइवेट' होगा कुमाऊं का पहला सरकारी आयुर्वेदिक अस्पताल!
लक्ष्मण मेहरा, हल्द्वानी। कुमाऊं का पहला सरकारी आयुर्वेदिक अस्पताल प्राइवेट होने जा रहा है। स्वास्थ्य महकमे में इसकी चर्चा जोर शोर से चल रही है। हालांकि स्वास्थ्य अधिकारी इसको खारिज कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो यह अस्पताल जल्द ही पीपीपी मोड में दिया जा सकता है।
हल्द्वानी मिनी स्टेडियम के सामने बने आयुर्वेदिक अस्पताल की नींव सरकार ने साल 2016 में रखी थी। इसमें मरीजों को भर्ती करने के लिए 50 बेड की सुविधा के साथ-साथ होम्योपैथिक, आयुर्वेदिक, पंचकर्म और नेचुरल थेरेपी देने की योजना थी। साल 2022 में कार्यदायी संस्था प्रदेश निर्माण निगम ने अस्पताल का कार्य पूरा कर विभाग के हैंडओवर कर दिया था।
लेकिन सुविधाओं के अभाव में अभी तक अस्पताल उद्घाटन तक नहीं हो पाया है। करीब 9.78 करोड़ रुपये की लागत से बना आयुर्वेदिक अस्पताल सफेद हाथी बनकर रह गया है। उद्घाटन के बिना ही अस्पताल में ओपीडी सेवा शुरू कर दी गई है। अस्थाई व्यवस्था के तहत तैनात चिकित्सक रोजाना 30 से 50 मरीजों को ओपीडी में परामर्श देते हैं। वहीं, दवाओं की व्यवस्था भी स्थानीय अस्पतालों से की जा रही है।
इमारत बन गई फर्नीचर नहीं आया
आयुर्वेदिक अस्पताल के लिए अब तक फर्नीचर की व्यवस्था नहीं हो पाई है। शासन स्तर पर सुस्त गति से चल रही प्रक्रिया के कारण अस्पताल का संचालन अधर में लटक गया है। इस संबंध में जिला आयुर्वेद व यूनानी अधिकारी डॉ. एमएस गुंज्याल ने बताया कि शासन से फर्नीचर के लिए बजट स्वीकृत हो गया है। फर्नीचर खरीदे जा रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री का आदेश अधिकारियों के ठेंगे पर
मंत्री के आदेशों का अधिकारियों पर नहीं हुआ असर
केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्यमंत्री अजय भट्ट दो बार आयुर्वेदिक अस्पताल का निरीक्षण कर चुके हैं। दोनों बार उन्होंने आयुष सचिव व वित्त सचिव से दूरभाष पर वार्ता करते आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिये। इसके बावजूद अस्पताल में सुविधाओं का अभाव बना हुआ है।
पीपीपी मोड पर कोई विचार नहीं हुआ है। चिकित्सकों के पद सृजित करने की कार्रवाई गतिमान है। शासन स्तर से सभी कार्रवाई होनी है। जल्द से जल्द अस्पताल का संचालन कराने का प्रयास किया जा रहा है।
-डॉ. (प्रो.) अरुण कुमार त्रिपाठी, निदेशक
आयुर्वेद एवं यूनानी सेवाएं उत्तराखंड
