बरेली : प्यार के सामने टूटी धर्म की दीवार, इल्मा से सौम्या बनी युवती ने हिन्दू रीति रिवाज से की शादी, कहा- सुरक्षित महसूस कर रही 

बरेली : प्यार के सामने टूटी धर्म की दीवार, इल्मा से सौम्या बनी युवती ने हिन्दू रीति रिवाज से की शादी, कहा- सुरक्षित महसूस कर रही 

बरेली, अमृत विचार। प्यार के सामने धर्म की दीवार तोड़ इल्मा खान अब सौम्या बन गई हैं। उन्होंने अपने दोस्त सोमेश से शादी कर ली। उन्हें अपने पति की जान का खतरा है, इसलिए उन्होंने पुलिस सुरक्षा की मांग की है। उन्होंने कहा कि उन्हें तीन तलाक से नफरत है और हिन्दू धर्म अच्छा लगता है। उन्होंने अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन कर हिन्दू रीति रिवाज से शादी की। अब वह सुरक्षित महसूस कर रही हैं।

क्या है मामला ?
इल्मा खान बदायूं के रहने वाली हैं। उन्होंने मुस्लिम धर्म त्याग दिया है। इल्मा ने बरेली के अगस्त मुनि आश्रम में धर्म परिवर्तन कर लिया। इल्मा अब सोमिया बन गई हैं। उन्होंने अपने दोस्त सोमेश से मंदिर में हिन्दू रीति रिवाज से शादी कर ली। आश्रम के आचार्य पंडित केके शंखधार ने  दोनों की शादी करवाई।

दरअसल, इल्मा अपने मित्र सोमेश को कई वर्षों जानती है और धीरे-धीरे दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई। मणिनाथ स्थित अगस्त मुनी आश्रम में इल्मा ने अपना नाम बदलकर सौम्या रख लिया। मंदिर के पंडित आचार्य के के शंखधार ने शुद्विकरण कराया। उसके बाद इल्मा उर्फ सोमिया की शादी सोमेश से कराई।

सोमेश ने बताया कि शुरू से इनके घर पर आना जाना था। तभी प्यार हो गया। इनको भी हिंदू धर्म बहुत अच्छा लगता है। उनकी बहन को शादी के बाद सताते थे, इसलिए यह डरती थी। इन्हें तीन तलाक से नफरत है। साथ ही ये भी आरोप है शादी के बाद हमें जान का खतरा है। इनके पड़ोस में प्रधान है। उनसे जान को खतरा है। मेरे घर वालों को परिवार को भी जान को खतरा है।

इल्मा उर्फ सौम्या ने कहा कि पहले इल्मा नाम था। अब सौम्या नाम रखा है। यह हमारे घर बचपन से आते थे। पहले दोस्ती हुई। फिर प्यार हो गया। फिर शादी हो गई। कोई दबाब नहीं है। इस्लाम धर्म में तीन तलाक होता है। यह सब मुझे पसंद नहीं है। हिंदू धर्म में शादी करके मैं अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रही हूं। जान का खतरा है। हमें तहजीब पुर प्रधान है ने जान से मारने की धमकी दी है। हम चाहते हैं कि हमें पुलिस सुरक्षा दी जाए।

पंडित केके शंखधार ने कहा यह लड़की आई है। इसका इलमा नाम है। इसने अपनी मर्जी से सौम्या नाम रखा है। यह दोनों बचपन से एक दूसरे को जानते हैं। दोनों एक ही गांव के रहने वाले हैं। बताते हैं कि चार-पांच साल से इन लोगों में प्रेम प्रसंग चल रहा था। एक दूसरे को बहुत चाहते हैं। यह डेढ़ दो महीने पहले अपने घर से निकल गए थे और भटक रहे थे और फिर हमारे पास आए। शपथ पत्र देकर और अपने बालिक होने के प्रमाण पत्र हमें दिखाएं। हमें लड़की से कई बार पूछा,  कि वह बालिग है। अपनी मर्जी से शादी कर रही है या किसी दबाव में। किसी ने कोई डराया धमकाया तो नहीं है। किसी प्रकार का कोई जोर दबाव तो नहीं है लड़की ने इन सभी बातों को नकार दिया। हमने उनके विचारों को देखते हुए विवाह संस्कार करा दिया है।

ये भी पढ़ें : बरेली: धर्म छिपाकर शादी करने वालों पर विहिप, बजरंग दल की रहेगी नजर