बरेली: निराश्रित गोवंश की समस्या का समाधान खोजेंगे नोडल अधिकारी

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Published By Vishal Singh
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विशेष सचिव कुमार धर्मेंद्र को मिली जिम्मेदारी, 16 से 18 जनवरी तक जनपद में करेंगे प्रवास

बरेली, अमृत विचार। निराश्रित पशुओं से फसलों को होने वाले नुकसान से बचाव को शासन व जिला प्रशासन की तमाम कोशिशें नाकाम साबित होती दिख रही हैं। दूसरी तरफ किसानों की नाराजगी लगातार बढ़ती जा रही है। पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह भी इसको लेकर चिंता जता चुके हैं। इसलिए समस्या का निदान हो इसको लेकर मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने 31 मार्च तक सभी छुट्टा पशुओं के संरक्षण को लेकर जिले में बतौर नोडल अधिकारी विशेष सचिव कुमार प्रशांत को नियुक्त किया है। वह 16 जनवरी से 18 जनवरी तक निराश्रित पशुओं के संरक्षण और इसकी प्रगति की समीक्षा के लिए जनपद में दो दिन प्रवास करेंगे।

विभागीय आंकड़ों में जिले में संचालित अस्थाई/स्थाई गोशालाओं के अलावा शहरी क्षेत्र की गोशालाओं में करीब 10 हजार गोवंश संरक्षित हैं। जबकि हकीकत इससे उलट है। छुट्टा घूम रहे गोवंश बड़ी संख्या में किसानों की फसलों को चौपट कर रहे हैं। स्थानीय स्तर पर इनकी धरपकड़ को लेकर किए जा रहे सभी प्रयास नाकाफी साबित हुए हैं। सीवीओ डा. मेघश्याम ने बताया कि जिले में करीब 10 लाख मवेशियों की संख्या है। इसमें महिषवंशी साढ़े छह लाख और गोवंश की संख्या दो लाख के करीब है।

झूठे आंकड़े देने पर पशुधन मंत्री ने दिखाई थी नाराजगी
पशुधन मंत्री ने साल के अंतिम दिन विकास भवन सभागार में गोवंश संरक्षण को लेकर डीएम-एसएसपी समेत अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की थी। जिसमें उन्होंने निराश्रित गोवंशीय पशुओं के आंकड़ों को झूठा बताते हुए नाराजगी जताई थी।

समीक्षा के यह रहेंगे प्रमुख बिंदु
संरक्षित गोवंशों की संख्या, उनका स्वास्थ्य, ईयर टैगिंग, भूसा भण्डारण की क्षमता, हरे चारे की व्यवस्था, पीने को स्वच्छ पानी की व्यवस्था, प्रकाश व्यवस्था, ठंड से बचाव आदि की व्यवस्था समीक्षा के प्रमुख बिंदु होंगे।

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