Joshimath Crisis: शुरु हुई थी एक दशक पहले आपदा, अब बन गई भीषण विपदा

Joshimath Crisis: शुरु हुई थी एक दशक पहले आपदा, अब बन गई भीषण विपदा

जोशीमठ, अमृत विचार। जोशीमठ में आपदा की शुरुआत एक दशक पहले ही हो गई थी। जोशीमठ में ऊंचाई पर स्थित सुनील कुंड को बड़े झील के रूप में विकसित कर टूरिस्ट स्पॉट बनाने का भी प्लान था। लेकिन, कुंड के सूखने के कारण यह प्लान ठंडे बस्ते में चला गया। उस समय झील सूखने पर लोगों ने (राष्ट्रीय तापविद्युत निगम लिमिटेड) एनटीपीसी विरोध किया था। सुनील कुंड को लेकर कहा जाता है कि सर्दियों में इसका पानी गुनगुना हुआ करता था।

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सुनील कुंड यहां के कई परिवारों के लिए पानी का प्राकृतिक श्रोत हुआ करता था। 10 साल से अब इसमें पानी एक बूंद भी नहीं है। पानी का श्रोत बंद हो चुका है। स्थानीय लोग कहते हैं कि ऐसे चार-पांच झील हुआ करते थे। एक-एक कर सभी सूख गये। 

खुदाई से सूखने लगे जल श्रोत
स्थानीय लोग कहते हैं कि जबसे पहाड़ों के साथ छेड़छाड़ शुरू हुई और खुदाई का काम शुरू हुआ, तबसे ही ये सब जल श्रोत सूखने लगे। आज पाइपलाइन से पानी आ तो रहा है, लेकिन पहले सुनील ताल में सर्दियों के समय गुनगुना पानी और गर्मियों में ठंडा पानी आता था। ऐसा क्यों होता था, इसका पता किसी को नहीं लग पाया।
सुनील ताल में खूब पानी हुआ करता था

सुनील ताल लोगों के लिए था आकर्षण का केंद्र
सुनील ताल लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा करता था। पहले इसमें खूब पानी हुआ करता था। यहां पर इसे देखने काफी संख्या में लोग आते थे। लेकिन, अब खंडहर हाल में है। इसके पुनरुद्धार के लिए सरकार की ओर से भी कोई पहल नहीं की गई इसको लेकर स्थानीय लोगों में काफी नाराजगी है।