पुम्यतिथि सन्त स्वरूप: कैसरगंज में आधुनिक शिक्षा के थे जनक, समाज को दिखाई नई दिशा
कैसरगंज मे खोला था पहला हिन्दी व अंग्रेजी माध्यम का पहला विद्यालय
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कैसरगंज/ बहराइच, अमृत विचार। कैसरगंज क्षेत्र में मांटेसरी पद्धति की शिक्षा की अलख जगाने वाले समाजसेवी व लोकतंत्र सेनानी स्वर्गीय सन्त स्वरूप श्रीवास्तव बड़े ही दृढ़ निश्चयी व दूरगामी सोच के प्रणेता थे। स्वर्गीय संत स्वरूप श्रीवास्तव का जन्म 10 अक्टूबर 1948 को हुआ था। बचपन से ही उनकी शिक्षा के प्रति विशेष रूचि थी। उनकी प्रारंभिक शिक्षा कैसरगंज में हुई । ततपश्चात उच्च शिक्षा उन्होंने अलीगढ़ में व विधि की शिक्षा लखनऊ में प्राप्त की । शिक्षा ग्रहण करने के बाद जब वे कैसरगंज वापस आये तो उन्होंने क्षेत्र को शिक्षा के क्षेत्र में बहुत पिछड़ापन पाया।
क्षेत्र में गुणवत्ता परक शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य उन्होंने सबसे पहले कैसर गंज क्षेत्र में सन 1974 में कंचन शिशु मंदिर नाम से एक मांटेसरी पद्धति के विद्यालय की स्थापना की। यह क्षेत्र का मांटेसरी पद्धति का पहला विद्यालय है। तत्पश्चात क्षेत्र में अंग्रेजी शिक्षा की आवश्यकता को देखते हुए उन्होंने सन 1993 में एक अंग्रेजी माध्यम का प्रथम विद्यालय कंचन कॉन्वेंट स्कूल नाम से एक विद्यालय की शुरुवात की।स्व0 श्रीवास्तव का सामाजिक कार्यो में भी बड़ी रुचि थी । हिंदी साहित्य से उनका अगाध प्रेम था। उन्होंने क्षेत्र में पहला कविसम्मेलन भी कराने का श्रेय आपको ही जाता है। युवावस्था में उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में भी काफी समय दिया। और वे संघ में जिला बौद्धिक प्रमुख भी रहे।
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