लखनऊ का यहियागंज गुरुद्वारा बनेगा अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल, सरकार देगी 2 करोड़  

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Published By Muskan Dixit
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गुरुद्वारे की आर्ट गैलरी में संरक्षित है गुरु तेग बहादुर और गुरु गोविंद सिंह से जुड़ा सिख इतिहास

लखनऊ, अमृत विचार : पर्यटन विभाग राजधानी स्थित ऐतिहासिक यहियागंज गुरुद्वारे का पर्यटन विकास करने जा रहा है। गुरुद्वारे के धार्मिक महत्व, सामुदायिक आस्था और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखते हुए दो करोड़ रुपये से इसके कायाकल्प की योजना तैयार की गई है।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने रविवार को जारी बयान में बताया कि सिखों के नौवें गुरु गुरु तेग बहादुर और दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह की स्मृतियों से जुड़े इस गुरुद्वारे का समग्र विकास सरकार की प्राथमिकता में है। इस ऐतिहासिक स्थल को पर्यटन मानचित्र पर विशेष पहचान दी जाएगी, जिससे आने वाली पीढ़ियां इसे निकट से जान सकें। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री पर्यटन स्थल विकास मद से दो करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस बजट से गुरुद्वारे आधुनिक सुविधाओं के विकास, सौंदर्यीकरण, आगंतुक सुविधा केंद्र और सुगम पहुंच व्यवस्था पर व्यय किया जाएगा।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि यहियागंज गुरुद्वारा सिख इतिहास की अमूल्य धरोहर है। वर्ष 1670 में गुरु तेग बहादुर पटना से आनंदपुर साहिब जाते समय तीन दिन यहां ठहरे थे। वहीं 1672 में गुरु गोविंद सिंह ने भी दो महीने से अधिक समय तक इसी स्थल पर प्रवास किया था। तब से यह स्थान सिख समुदाय के लिए धार्मिक आस्था और ऐतिहासिक महत्व का प्रमुख केंद्र बना हुआ है।

उन्होंने बताया कि गुरुद्वारे परिसर में स्थित आर्ट गैलरी विशेष आकर्षण का केंद्र है, जहां सिख इतिहास से जुड़ी घटनाओं को दर्शाया गया है। यहां गुरु तेग बहादुर और गुरु गोविंद सिंह के हस्ताक्षरित दो हुक्मनामे तथा श्री गुरु ग्रंथ साहिब की हस्तलिखित प्रति संरक्षित है, जिसमें प्रारंभ में गुरु तेग बहादुर द्वारा लिखा मूल मंत्र मौजूद है। यह संग्रह अध्येताओं और श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत मूल्यवान है।

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