नकल पर नकेल कसने को धामी सरकार, चीटिंग करने वाले अभ्यर्थी नहीं दे सकेंगे 10 साल तक सरकारी एग्जाम

Amrit Vichar Network
Published By Shobhit Singh
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देहरादून, अमृत विचार।  उत्तराखंड में हाल के दिनों में कई सरकारी एग्जाम में पेपर लीक और नकल की घटनाएं सामने आने से अब सरकार सख्त हो गई है। ताजा मामला पटवारी लेखपाल भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने का है। पेपर लीक और नकल की घटनाओं से परेशान सरकार ने भी इससे निपटने के लिए कानून लाने की तैयारी कर ली है। वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरकारी परीक्षा में नकल करने वालों को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि चीटिंग करते पाए गए उम्मीदवारों को 10 साल तक सरकारी एग्जाम देने नहीं दिया जाएगा।

अभ्यर्थी 10 साल तक किसी भी भर्ती परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे 
उत्तराखंड मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भर्ती परीक्षा में नकल करने वाले अभ्यर्थी 10 साल तक किसी भी भर्ती परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा सख्त नकल विरोधी कानून में यह प्रावधान किया जा रहा है। पिछले कुछ महीनों में राज्य में पेपर लीक के कई सारे मामले सामने आए हैं। इससे राज्य सरकार को खासा मुसीबत झेलनी पड़ी है।

दोषी के लिए उम्रकैद की सजा का प्रावधान
दरअसल, उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा पिछले हफ्ते पटवारी भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया था। इस भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक हो गया था। इसके बाद सरकार ने फैसला किया कि नकल रोकने के लिए एक नकल विरोधी कानून बनाया जाएगा। इस कानून के तहत दोषी के लिए उम्रकैद की सजा का प्रावधान किया जाएगा, जबकि भ्रष्टाचार से अर्जित होने वाले संपत्ति को भी जब्त कर लिया जाएगा। राज्य के मुख्य सचिव सुखबीर सिंह संधु ने इसकी जानकारी दी। 

हम सख्त कार्रवाई करेंगे- सीएम
वहीं, सीएम धामी ने भी कहा था कि नकल विरोधी कानून काफी सख्त बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि ये कानून इतना कड़ा होगा कि भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार करने के बारे में कोई सोच भी नहीं सकेगा। पेपर लीक को लेकर बात करते हुए उन्होंने कहा था कि चाहे कहीं भी गंदगी हो, चाहे वह अधीनस्थ सेवा चयन आयोग हो या कहीं और, जहां भी हमारे बेटे-बेटियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होगा, हम सख्त कार्रवाई करेंगे।

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