Kanpur News : CSJM में छाया ड्रोन का जादू, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग के साथ कई खूबियों से लैस

कानपुर के सीएसजेएमयू यूनिवर्सिटी में ड्रोन का जादू छाया।

Kanpur News : CSJM में छाया ड्रोन का जादू, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग के साथ कई खूबियों से लैस

कानपुर के सीएसजेएमयू यूनिवर्सिटी में ड्रोन का जादू छाया। कृषि क्षेत्र के लिए मददगार कई तरह के ड्रोन का प्रदर्शन किया गया। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग तकनीक पर आधारित।

कानपुर, अमृत विचार। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में सिंचाई, कीटनाशक और बीजों के छिड़काव समेत कई तरह के कृषि संबंधित कार्यों के लिए ड्रोन तकनीक का प्रदर्शन किया गया। यह ड्रोन आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग के साथ ही कई तरह की खूबियों से लैस थे। कोई सर्विलांस में मददगार थे तो कोई जानवरों को खदेड़ने में सहयोगी। मौका था शनिवार को विश्वविद्यालय में आयोजित ड्रोन कांफ्रेंस का, जिसमें कई तरह के मॉडल प्रस्तुत किए गए। 

लखनऊ के फ्लाई-एक्स स्टार्टअप ने कृषि में प्रयोग के लिए ड्रोन तैयार किया, जिसका उपयोग कीटनाशकों के छिड़काव के साथ ही फसलों की मॉनीटरिंग में हो सकेगा। स्टार्टअप करने वाले शुभम यादव के मुताबिक यह ड्रोन  ऑटोमेटिक है। इसको आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग तकनीक से लैस किया गया है। फसलों पर छिड़काव के दौरान पानी या कीटनाशक खत्म होते ही वापस लौट आएगा।

दवा रिफिल करने के बाद अपने आप उसी जगह पहुंच जाएगा, जहां छिड़काव रुक गया था। शुभम के मुताबिक ड्रोन की कीमत करीब साढ़े पांच लाख रुपये है। किसान इसका उपयोग सामूहिक रूप से कर सकते हैं। बड़े स्तर पर ड्रोन तैयार करने पर इसकी कीमत कम हो सकेगी। इस ड्रोन का प्रयोग कुशीनगर, वाराणसी, बिहार के मोकामा, चेन्नई में स्प्रे के लिए किया जा रहा है। 

कृषि क्षेत्र में बढ़ा ड्रोन का उपयोग 

कृषि विभाग की डॉ. सोनी गुप्ता के मुताबिक खेती में ड्रोन तकनीक लगातार बढ़ती ही जा रही है। इससे फसलों की देखरेख बढ़ जाएगी। विवि के कृषि छात्र-छात्राओं को ड्रोन चलाना व उसकी मरम्मत करना सिखाया जाएगा। दीनदयाल शोध केंद्र में चल रही ड्रोन कांफ्रेंस में कृषि विशेषज्ञों ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक कृषि जरूरी है। वैज्ञानिकों की नई तकनीक और नई प्रजातियों के इस्तेमाल से ही उत्पादन व आमदनी बढ़ सकती है।