जातियों में बंट गए देवी-देवता और महापुरुष : चंपत राय

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Published By Virendra Pandey
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अयोध्या में मनाई गई संत शिरोमणि गुरु रविदास की 647वीं जयंती

अमृत विचार,अयोध्या। संत शिरोमणि गुरु रविदास का 647वां जन्मोत्सव हनुमान कुंड स्थित रविदास मंदिर में मनाया गया। इस अवसर पर विशेष आरती- पूजा के बाद ज्ञान गोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि संत रविदास और कबीर, इस तरह के लोग अनायास धरती पर नहीं आते, कई जन्मों की तपस्या और भगवान की भक्ति रहती है तब आते हैं।

उन्होंने कहा कि देश में कुछ आंतरिक कठिनाइयां और बुराइयां हैं, कि देवी -देवता और महापुरुष जातियों में बंट गए हैं। कार्यक्रम शुरू होने से पहले मंदिर के महंत बनवारी पति ब्रह्मचारी ने आए हुए लोगों का स्वागत और अभिनंदन किया। पूर्व जिला पंचायत सदस्य रामचंद्र चौधरी, रेखा चौधरी, आचार्य अवधेश दास, संत निराला दास, कबीर मठ के धर्म प्रकाश साहेब सहित सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे। 

संत रविदास का वर्णन व्हाट्सएप पर भेजा गया

चंपत राय ने बताया कि वह मूल रूप से विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के कार्यकर्ता हैं। संगठन के वार्षिक कार्य योजना में किन महापुरुषों का स्मरण किया जाए । उसमें संत रविदास जयंती है। इसलिए कुछ दिन पहले संगठन के केंद्रीय कार्यालय से संत रविदास का दो पेज का वर्णन व्हाट्सएप के द्वारा 60 हजार  इकाइयों को भेजा गया। सबसे यह अपेक्षा की गई कि वे इसे पढ़ें और जाने, संभव हो सके तो गांव और कस्बे में जहां जयंती मनाई जा रही हो वहां जाकर जयंती मनाएं।

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