बालासाहेब थोराट ने खरगे को पत्र लिखकर नाना पटोले के साथ काम करने में जताई असमर्थता: सहयोगी का दावा
मुंबई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोराट ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को पत्र लिखकर महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले के ‘‘गुस्से’’ की वजह से उनके साथ काम करने में असमर्थता जताई है। थोराट के एक सहयोगी ने सोमवार को यह दावा किया।
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उन्होंने कहा कि पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मंत्री थोराट ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को लिखे पत्र में यह भी कहा है कि यहां लिए जा रहे फैसलों से पहले उनसे सलाह-मशविरा नहीं किया जाता।
कुछ दिन पहले थोराट के रिश्तेदार और नासिक स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से विधान परिषद सदस्य सुधीर ताम्बे ने कांग्रेस का आधिकारिक उम्मीदवार होने के बावजूद चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था और अपने बेटे सत्यजीत ताम्बे को निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ाया। दो फरवरी को घोषित चुनाव परिणाम में सत्यजीत ताम्बे ने जीत हासिल की थी।
सूत्रों ने बताया कि इस घटनाक्रम के कारण कांग्रेस को असहज स्थिति का सामना करना पड़ा, वहीं कंधे की चोट से उबर रहे थोराट की चुप्पी को ताम्बे पिता-पुत्र के मूक समर्थन के तौर पर देखा जा रहा है। थोराट ने 30 जनवरी को हुए चुनाव से पहले सत्यजीत ताम्बे के प्रचार अभियान में भाग नहीं लिया था, लेकिन उनके कई सहयोगी इसमें मौजूद रहे।
कांग्रेस ने एमएलसी चुनाव में पाला बदलने के लिए सुधीर ताम्बे और सत्यजीत ताम्बे को निलंबित कर दिया है। थोराट के करीबी सहयोगी ने दावा किया, ‘‘थोराट ने कांग्रेस नेतृत्व को लिखे पत्र में प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले के साथ काम करने में असमर्थता जाहिर की है और कहा है कि वह (पटोले) उनके प्रति काफी गुस्सा रखते हैं, इसलिए उनके साथ काम करना कठिन होगा।
थोराट ने फैसले लिये जाते समय सलाह नहीं लिये जाने की शिकायत भी की है।’’ सहयोगी के अनुसार थोराट ने यह भी कहा है कि प्रदेश नेतृत्व ने उनका अपमान किया और ताम्बे के चुनाव लड़ने के मुद्दे पर उनके परिवार के खिलाफ बयान दिये गये। खरगे को लिखे पत्र में कहा गया है कि अहमदनगर के कुछ नेताओं को इस मुद्दे पर दंडित किया गया है।
पटोले ने 26 जनवरी को कांग्रेस की अहमदनगर जिला समिति को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए भंग कर दिया था। खबरों के अनुसार इसके कुछ सदस्यों ने पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार के बजाय सत्यजीत ताम्बे के लिए प्रचार किया था।
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