बरेली आईवीआरआई : एनपीए बंद करने के खिलाफ 152 वैज्ञानिकों का इस्तीफा
सभा के बाद किया एलान- मुख्य और संबद्ध संस्थानों में न छात्रों को पढ़ाएंगे, न रिसर्च कराएंगे, निदेशक के काफी मनाने के बावजूद नहीं माने, कई सालों से चल रहा है विवाद
बरेली,अमृत विचार : नॉन प्रैक्टिस अलाउंस (एनपीए) बंद करने के विरोध में भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) और उससे संबद्ध संस्थानों के 152 वैज्ञानिकों ने शिक्षण कार्य करने से इन्कार करते हुए सामूहिक तौर पर इस्तीफे सौंप दिए। इस घटनाक्रम से आईवीआरआई मेे नीचे से ऊपर तक हलचल मच गई।
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आईवीआरआई निदेशक ने वैज्ञानिकों से लंबी बातचीत की लेकिन एनपीए विवाद हल होने तक वे अपना निर्णय बदलने को तैयार नहीं हुए। एनपीए बंद करने के विरोध में आईवीआरआई और उससे संबद्ध संस्थानों के वैज्ञानिक कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे थे।
मंगलवार को वैज्ञानिकों ने प्रशासनिक भवन के सभागार में बैठक की और इसके बाद 152 वैज्ञानिकों ने संस्थान के निदेशक को सामूहिक तौर पर इस्तीफा सौंपकर बुधवार से संस्थान में शैक्षिक कार्य न करने का एलान कर दिया।
आइवीआरआई के निदेशक डॉ. त्रिवेणी दत्त ने वैज्ञानिकों से करीब 45 मिनट बातचीत कर मनाने की कोशिश की लेकिन वे इस्तीफा वापस लेने को तैयार नहीं हुए। वैज्ञानिकों ने रिसर्च कराने, पढ़ाने और पशु चिकित्सा संबंधी कामों को बाधित न करने की उनकी अपील भी ठुकरा दी।
निदेशक डॉ. त्रिवेणी दत्त ने बताया कि आईसीएआर और प्रबंधन की ओर से लगातार एनपीए दिलाने की कोशिश की जा रही है। वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग से भी संपर्क किया जा रहा है। आईसीएआर के उच्चाधिकारी वित्त राज्यमंत्री से भी मिले हैं।
एआरसएसएसएफ इज्जतनगर के अध्यक्ष डॉ. भोजराज सिंह ने कहा कि आइवीआरआई और उसके मुक्तेश्वर, बेंगलुरू, भोपाल और हिसार समेत कई संबद्ध केंद्र के 152 वैज्ञानिकों ने इस्तीफा दे दिया है। यह इस्तीफा बतौर वैज्ञानिक नहीं बल्कि बतौर शिक्षक दिया गया है। बुधवार से वैज्ञानिक संस्थान में पढ़ाना बंद कर देंगे।
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