बरेली यूनानी मेडिकल कॉलेज : इस लोकसभा कार्यकाल में सौगात मिलना मुश्किल

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Published By Om Parkash chaubey
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मार्च 2023 तक पूरा होना था निर्माण मगर दो-तिहाई बजट न मिल पाने की वजह से बंद पड़ा है काम, प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम में शामिल होने के बावजूद अटका बजट, करीब 113 करोड़ से होना है निर्माण दो साल में मिल पाए सिर्फ 36 करोड़

बरेली, अमृत विचार : प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम में शामिल यूनानी मेडिकल कॉलेज का इस लोकसभा कार्यकाल की सौगातों में शामिल हो पाना मुश्किल है। वैसे इसे मार्च 2022 में ही पूरा होकर जनता की सेवा के लिए खुल जाना था लेकिन करीब दो-तिहाई बजट ही नहीं मिल पाया है। कार्यदायी संस्था आठ महीने से बजट आने का इंतजार कर रही है।

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इस बीच काम रुक चुका है। अनुमान जताया जा रहा है कि अब इस मेडिकल कॉलेज के निर्माण में साल भर से कम वक्त नहीं लगेगा, वह भी तब जब जल्द ही अवशेष बजट जारी कर दिया जाए। हजियापुर में यूनानी मेडिकल कॉलेज का निर्माण नगर निगम की ओर से दी गई 27 हजार वर्ग मीटर जमीन पर हो रहा है। केंद्र सरकार को यह प्रस्ताव अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की ओर से भेजा गया था जिसे प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम में शामिल किया गया था। करीब 113 करोड़ का प्रोजेक्ट बना।

आयुष मंत्रालय से एनओसी मिलने के बाद 4 अक्टूबर 2021 को इसका निर्माण शुरू कर दिया गया। सरकार की ओर से बेहद छोटे टुकड़ों में बजट दिए जाने की वजह से जुलाई 2022 तक सिर्फ 25 फीसदी काम हो पाया और फिर बजट की कमी से अटकने लगा। अब हालत यह है कि आठ महीने बाद करीब आठ करोड़ रुपये आए हैं।

इससे पहले छह करोड़ रुपये मिले थे। कुल मिलाकर 36 करोड़ रुपये मिले हैं जबकि काम 45 करोड़ का हो चुका है। अब काम लगभग रुका हुआ है। प्रोजेक्ट मैनेजर मनोज त्रिपाठी का कहना है कि 18 महीने में इस प्रोजेक्ट को तैयार करना था लेकिन 16 महीने निकल गए हैं और अभी काफी काम बाकी है। लिहाजा शासन से अब प्रोजेक्ट विस्तार की अनुमति मांगी है।

ये काम हो चुके हैं पूरे : मेडिकल कॉलेज का सात मंजिला भवन बनना है। इसमें ब्वायज हॉस्टल और गर्ल्स हॉस्टल का काम पूरा हो गया है। कर्मचारियों के लिए टाइप- 2 आवास भी बन गए हैं।

केंद्र को 60, राज्य सरकार को देना है 40 फीसदी बजट: मेडिकल कॉलेज निर्माण में खर्च होने वाली रकम का 40 प्रतिशत राज्य सरकार और 60 प्रतिशत रकम केंद्र सरकार को खर्च करनी है। यूनानी मेडिकल कॉलेज के साथ अस्पताल का निर्माण भी होना है। इसमें मरीजों को भर्ती करने के साथ ओपीडी की भी सुविधा होगी।

नगर निगम की सुस्ती यहां भी समस्या, कई निर्माण कार्य रुके: मेडिकल कॉलेज ट्रंचिंग ग्राउंड की जमीन पर बन रहा है जहां कूड़े के विशाल ढेर इकट्ठे थे। शुरुआत में नगर निगम ने यहां इकट्ठे कूड़े को हटाने के लिए जगह देने का आश्वासन दिया था लेकिन अब तक यह काम नहीं कर पाया है। निर्माण के लिए बार-बार एक जगह से दूसरी जगह कूड़ा हटाना पड़ रहा है।

प्रोजेक्ट मैनेजर मनोज त्रिपाठी ने बताया कि नगर निगम के साथ कई बार पत्राचार किया जा चुका है, लेकिन फिर भी कोई नतीजा नहीं निकल पा रहा है। टाइप- 3 आवासों पर स्लैब डालने, मेडिकल कॉलेज में बिजली, सीवर, पाइप लाइन डालने के काम इसलिए रुके हैं क्योंकि नगर निगम कूड़ा डालने की जगह उपलब्ध नहीं करा पाया है।

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