अलविदा 2025: धरातल पर विकास...टीस फिर भी बरकरार, इन कामों के पूरा होने की उम्मीद संग विदा होगा साल
बरेली, अमृत विचार। नया साल आने में हफ्ते भर का समय रह गया है। पुराने साल को अलविदा कहने और नए साल को सलाम करने का जश्न फिर जोरों पर होगा। इन सबके बीच वर्ष 2025 में बीडीए और नगर निगम के कई दावे धरातल पर तो आए लेकिन आमजन से जुड़े विकास के कई प्रोजेक्ट्स के पूरे होने का अभी भी इंतजार है। बरेली विकास प्राधिकरण और नगर निगम से शहर के लोगों की मूलभूत सुविधाओं से जुड़े इन प्रोजेक्ट्स के आगामी साल में पूरे होने की उम्मीद है।
न अतिक्रमण से मुक्ति और न मिल सका जाम से छुटकारा
जाम से निपटने और शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार के लिए ई-रिक्शा और ऑटो के निर्धारित रूटों पर कलर कोडिंग से संचालन की कवायद आगे ही नहीं बढ़ सकी। इस दौरान शहर की सड़कों पर वाहनों का दबाव लगातार बढ़ता रहा। ट्रैफिक पुलिस जाम से निजात के लिए तरह-तरह के प्रयोग करती रही, पर कामयाबी नहीं मिली।
स्मार्ट सिटी की सात योजनाओं नहीं मिला आमजन को लाभ
900 करोड़ रुपये की स्मार्ट सिटी की विभिन्न परियोजनाओं से विकास को रफ्तार मिलने की उम्मीद थी, लेकिन सड़कों पर गड्ढे बरकरार हैं। लाइटें लगने के बावजूद कई स्थानों पर अंधेरा रहता है। सात परियोजनाएं पूरी होकर भी अधूरी हैं। स्काई वाॅक, लाइट एंड साउंड सिस्टम, म्यूजिकल फाउंटेन, संजय कम्युनिटी सरोवर, काॅमर्शियल कॉम्प्लेक्स सिर्फ नाम के हैं, इनका लाभ आमजन को नहीं मिल सका। सुभाषनगर का अंडरपास बन नहीं सका। छुट्टा पशुओं, आवरा कुत्तों और बंदरों से निजात दिलाने के दावे सच नहीं हुए।
20 करोड़ से तैयार हुई लैब लेकिन संचालन का पता नहीं
सीबीगंज के नंदौसी में करीब दो वर्षों पहले मंडलीय खाद्य जांच प्रयोगशाला के निर्माण का खाका तैयार हुआ, लैब का निर्माण फरवरी 2025 में पूरा हो गया। इतना ही नहीं करीब 6 माह पूर्व खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) कार्यालय भी कलक्ट्रेट से नए प्रयोगशाला भवन में शिफ्ट हो गया है। वहीं यहां साइंटिफिक अफसर फूड, साइंटिफिक अफसर ड्रग और एक वरिष्ठ विश्लेषक की तैनाती भी कर दी गई है, लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी लैब में जांच आरंभ नहीं हो सकी है, जिससे मिलावटी खाद्य पदार्थों का कारोबार करने वालों पर प्रभावी अंकुश लगाने में दिक्कत हो रही है।
सुधरी शहर की आबोहवा, देश में निगम ने बढ़ाया मान
स्वच्छ वायु सर्वेक्षण की रैंकिंग में 11 पायदान की छलांग लगाकर बरेली राष्ट्रीय स्तर पर 18वें से सातवें पायदान पर आ गया। तीन से 10 लाख की आबादी वाली श्रेणी में देश के 42 शहरों के बीच सातवें स्थान पर आना बड़ी उपलब्धि है। राज्य की वायु गुणवत्ता निगरानी समिति और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से प्राण पोर्टल पर दर्ज ब्योरे के आधार पर मूल्यांकन कर यह रैंकिंग जारी की गई है।
जब निगम की कार्यशैली पर उठे सवाल
सतीपुर कब्रिस्तान के निकट शुक्रवार को नाला सफाई के बाद कर्मचाारियों ने सिल्ट पेड़ की छांव में सो रहे सुनील कुमार प्रजापति के ऊपर डाल दी गई थी। इससे उनकी मौत हो गई थी। इस मामले के बाद निगम की कार्यशैली पर हर वर्ग ने जमकर सवाल उठाए थे, मामला काफी चर्चा में रहा।
नगर आयुक्त कार्यालय में कार्यकर्ताओं का हंगामा, धक्का-मुक्की
9 नवंबर को अपनी मांगों को लेकर नगर आयुक्त कार्यालय पहुंचे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं और निगम अफसरों में जमकर नोक-झोंक और धक्का-मुक्की हुई। इस पर नगर निगम कर्मचारी हड़ताल पर चले गये, दूसरी तरह अभाविप कार्यकर्ताओं ने भी निगम अफसरों पर कार्रवाई की मांग को लेकर धरना दिया। लोग इस घटना को राजनीतिक तूल भी देते नजर आए, कई दिनों तक मामला चर्चा में रहा।
