लखनऊ में कभी भी गिर सकता है ये मकान, परिवार को खतरा 

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Published By Jagat Mishra
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गोमती नगर में प्लाट की खोदाई से क्षतिग्रस्त मकान का मामला 

अमृत विचार, लखनऊ। गोमती नगर में प्लाट की खोदाई से क्षतिग्रस्त हुआ मकान कभी भी गिर सकता है। कमेटी की जांच में ऐसा साबित हुआ है और लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष को खतरे की आशंका जताकर रिपोर्ट सौंपी है। वहीं, पीड़ित परिवार बाहर टीनशेड डालकर रहने लगा है।

गोमती नगर के विनीत खंड में डॉ. शानू रस्तोगी के प्लाट में निर्माण के दौरान उससे सटा तीन मंजिला दुर्गा शंकर का मकान क्षतिग्रस्त होने का मामला तूल पकड़ गया है। बुधवार को उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने तीन सदस्यीय कमेटी में शामिल अपर सचिव, जोनल अधिकारी डॉ. अरुण कुमार सिंह व अधिशासी अभियंता केके बंसला से जांच कराई थी। जिसकी रिपोर्ट गुरुवार को उपाध्यक्ष को दी गई है। रिपोर्ट में बेसमेंट बनाने के लिए प्लाट में गहरी खोदाई करना पाया है। इससे दुर्गा शंकर का तीन मंजिला मकान दरारें पड़ने से चारोंतरफ से क्षतिग्रस्त बताकर कभी भी गिरने की आशंका जताई है। जगह-जगह दीवार व छत बास-बल्लियों से टिकाई गई हैं और परिवार सड़क पर टीनशेड डालकर रह रहा है। हालांकि लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारी किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं। फिर भी प्लाट मालिक डॉ. शानू रस्तोगी और दुर्गा शंकर के बीच समझौता कराकर मकान की मरम्मत कराने का प्रयास करेंगे। 

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गुणवत्ता का दें प्रमाण तो मरम्मत को तैयार
पीड़ित दुर्गा शंकर ने बताया कि इस संबंध में जांच अधिकारियों से कोई बात नहीं हुई है। बल्कि जांच के दौरान टीम ने उनके मकान का कुछ हिस्सा अवैध बताकर नोटिस देने की बात कहकर धमकाया है। मकान की कीमत दो करोड़ रुपये है। वह प्लाट मालिक के साथ समझौता करने को तैयार है। लेकिन, वह सामने नहीं आ रहे हैं। समझौता भी इस शर्त पर करेंगे कि किसी विशेषज्ञ टीम से मकान की जांच कराई जाए और वह गुणवत्ता का लिखित प्रमाण दे कि आगे किसी तरह का खतरा नहीं रहेगा। अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने बताया कि प्लाट की गहरी खोदाई कराने से मकान क्षतिग्रस्त हुआ है। रिपोर्ट उपाध्यक्ष को दे दी है। प्लाट का निर्माण नहीं होने दिया जाएगा।

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