अयोध्या : गेहूं की फसल के लिए खतरा बनीं पछुवा हवाएं
किसानों को सताने लगा फसल के कम पैदावार होने का डर
अमृत विचार, अयोध्या। फरवरी माह का अंतिम सप्ताह गेहूं की फसल के लिए अहम है। कई दिनों से चल रही अंधड़ व तेज हवाओं के कारण किसानों को अब फसलों को बचाने की चिंता सताने लगी है। वहीं दिन और रात में बदलता तापमान भी किसानों की मुसीबतें बढ़ा रहा है। ऐसे में किसानों को डर है कि तेज गति के साथ चल रही पछुवा हवाओं के कारण खेतों की नमी कम हो रही है, जिसके कारण गेहूं की फसल को नुकसान हो सकता है।
किसान अशोक कुमार वर्मा, देवेंद्र ओझा, राजेश पाठक, रामजीत निषाद का कहना है कि जिस प्रकार से पछुआ हवा चल रही है उससे खासकर गेहूं की फसलों की पैदावार समाप्त हो जाएगी। यह हवा फसल के लिए घातक साबित होगी। यदि तापमान से फसल को बचाने के लिए सिंचाई ज्यादा हो जाती है तो पछुवा हवाओं के कारण जड़ हिल सकती है, जिससे फसल को नुकसान होगा। उनका कहना है कि इसी बीच कृषि विभाग भी फसलों को सुरक्षित रखने के लिए किसानों को उपाय भी बताना शुरू कर दिया है।
फसलों को सुरक्षित रखने के लिए दिया जा रहा सुझाव
फरवरी महीने का अंतिम पखवाड़ा शुरू होने के बाद कृषि विभाग ने वर्तमान फसल की उत्पादन एवं उत्पादकता बरकरार रखने के लिए किसानों को सुझाव देना शुरू कर दिया है। सहायक विकास अधिकारी कृषि अमित कुमार तिवारी ने सुझाव दिया है कि गेहूं की अगेती बोई गई फसलों में बलियां निकल रही है, ऐसे में किसान आवश्यकतानुसार सिंचाई अवश्य करें। लेकिन यह ध्यान रखें कि तेज हवा चलने की दशा में सिंचाई न करें अन्यथा फसल गिरने से नुकसान हो सकता है।
पीला रतुआ का करते रहे निरीक्षण
पीला रतुआ होने पर प्रॉपिकॉनाजोल 25 ईसी 0.1 घोल का छिड़काव 200 एमएल मात्रा 200 लीटर पानी में प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें। तापमान में वृद्धि से होने वाले नुकसान से गेहूं की फसल को बचाने के लिए 0.2% पोटैशियम क्लोराइड का छिड़काव करें।
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