बरेली: कहीं फिर न कह देना... बारिश में तो मुंबई में भी भरता है पानी
नगर आयुक्त ने ली बैठक, नालों की सफाई के पहले चरण में हटाया जाएगा अतिक्रमण
बरेली, अमृत विचार। नालों की सफाई की योजना पर क्रियान्वयन अभी से शुरू करने की तैयारी है। नालों के ऊपर काबिज अतिक्रमणकारियों को 15 मार्च से पहले अपने कब्जे खुद हटाने की चेतावनी दी गई है। आगाह किया गया है कि इसके बाद नगर निगम एक तरफ से अतिक्रमण हटाएगा और अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के साथ कब्जे हटाने का खर्च भी उन्हीं से वसूल करेगा। हालांकि यही सब पिछले साल भी हुआ था। इसके बावजूद बारिश के दौरान शहर में पानी भरा तो अफसरों ने यह जुमला बोलकर कन्नी काट ली थी कि बारिश में तो मुंबई में भी पानी भरता है।
हर साल सफाई पर करोड़ों रुपये फूंकने के बावजूद शहर के बंद नाले कई सालों से सिरदर्द बने हुए हैं। हर बारिश में शहर के तमाम इलाकों में बेतहाशा पानी भरता है। इससे शहर के लोग तो परेशानी झेलते ही हैं, करोड़ों की लागत से बनी सड़कें भी बर्बाद हो जाती हैं। इस बार नगर निगम अभी से नालों की सफाई की तैयारी शुरू कर दी है। नगर आयुक्त निधि गुप्ता वत्स ने निर्माण विभाग के अफसरों और सफाई इंस्पेक्टरों के साथ लंबी बैठक कर नालों की सफाई की पूरी कार्ययोजना तय की।
बैठक में कहा गया कि नालों की पूरी सफाई तब तक मुमकिन नहीं है, जब तक उन पर पक्के अतिक्रमण न हटाए जाएं। अफसरों ने नगर आयुक्त को बताया कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान उसका जबर्दस्त विरोध होता है। अतिक्रमण न हट पाने से नालों की सफाई ठीक से नहीं हो पाती। इसके बाद नगर आयुक्त ने निर्देश दिया कि अतिक्रमणकारियों को 15 मार्च तक नालों से अपने पक्के निर्माण खुद हटाने की चेतावनी दी जाए। इसके बाद नगर निगम कब्जे हटाएगा और अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई के साथ इसका खर्च भी उनसे वसूल करेगा।
पिछले साल भी नालों की सफाई के लिए करोड़ों का बजट निर्धारित किया गया था। नालों के ऊपर हुए अतिक्रमण हटाए बगैर उनकी सफाई का दावा कर दिया गया। इसके बावजूद अक्तूबर में जब बेमौसम बारिश हुई तो पूरे शहर में कई दिन पानी भरा रहा। इस पर सवाल उठे तो जवाब में जुमला बोलकर कन्नी काट ली गई कि बारिश में तो मुंबई में भी पानी भर जाता है।
दोबारा नगर निगम बोर्ड के गठन से पहले कब्जे हटाने की तैयारी
नगर निगम के अफसरों की तैयारी है कि नया बोर्ड गठित होने से पहले शहर में नालों से अतिक्रमण हटा लिया जाए ताकि हमेशा की तरह पार्षद इस काम में बाधा न डाल सकें। दरअसल, नगर आयुक्त की बैठक में भी जिक्र किया गया कि नालों से कब्जे हटाने में पार्षदों की दखलंदाजी भी बाधा बनती है। अपर नगर आयुक्त अजीत कुमार सिंह ने बताया कि नाले-नालियों पर पक्के निर्माण करने वाले लोगों को 15 मार्च तक कब्जे हटाने होंगे। इसके लिए सार्वजनिक नोटिस जारी किया जा रहा है। 15 मार्च के बाद नगर निगम खुद अतिक्रमण हटाएगा और इसका पूरा खर्च वसूल करने के साथ अतिक्रमणकारी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
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