Holi 2023: उत्तराखंड के इन तीन गावों में नहीं मनाया जाता रंगों का त्यौहार, जानिए क्यों?

Holi 2023: उत्तराखंड के इन तीन गावों में नहीं मनाया जाता रंगों का त्यौहार, जानिए क्यों?

रुद्रप्रयाग, अमृत विचार। जहां एक तरफ पूरा देश होली के रंग में रंगा होता है, घर में गुजिया व मिठाइयों का स्वाद ले रहा होता है वहीं दूसरी तरफ उत्तराखंड के तीन गावं ऐसे भी हैं जिन्होंने 300 साल से होली का पर्व नहीं मनाया गया है। 

रुद्रप्रयाग जिले में स्थित क्वीली, कुरझण और जोंदला में ऐसी मान्यता है कि अगर कोई भी इन गावं में होली मनाने की कोशिश करता है तो यहां लोगों की और मवेशियों की किसी ना किसी बीमारी से मौत हो जाती है। गावं वालों का मानना है कि भूम्याल देवता भेलदेव और कुलदेवी त्रिपुरासुंदरी देवी के श्राप के कारण ऐसा होता है।   

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में तीन गांव ऐसे हैं जहां पिछले 300 सालों से होली का त्योहार नहीं मनाया गया है। होली ना मनाने के पीछे की वजह भूम्याल देवता और कुलदेवी द्वारा दिया गया श्राप है। अगर गांव में कोई होली मनाता है तो भूम्याल देवता और कुलदेवी नाराज हो जाते हैं। जिस कारण गांव के लोगों और जानवरों की गंभीर बीमारी से मौत हो जाती है। 

वैसे तो यहां के बुजुर्ग होली मनाने के सख्त खिलाफ है लेकिन कई वर्ष पूर्व ग्रामीणों ने होली मनाई थी जिसके पश्चयात यहां के कुछ लोगों में और मवेशियों में गंभीर बीमारी फैल गई जिसके कारण उनकी अकाल मृत्यु हो गई। तब से ऐसी धारणा बन गई कि होली मनाने से भेलदेव और देवी त्रिपुरासुंदरी नाराज होते है। इसलिए इन गावं में होली मनाना वर्जित कर दिया गया। 

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