रामनगर: कुमाऊंनी कवि 'गुमानी' की जयंती मनाई

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Published By Shweta Kalakoti
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रामनगर, अमृत विचार। पीएनजी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रामनगर के हिंदी विभाग में कुमाऊंनी तथा खड़ी बोली के आदि कवि पंडित लोकरत्न पंत 'गुमानी' की जयंती धूमधाम से मनाई गई। विभाग प्रभारी हिंदी प्रोफेसर गिरीश चंद्र पंत ने कहा कि गुमानी कुमाऊंनी के ही नहीं बल्कि खड़ी बोली के भी आदि कवि कहे जाते हैं।

पंडित लोकरत्न पंत गुमानी मूल रूप से जनपद पिथौरागढ़ के तहसील गंगोलीहाट में स्थित ग्राम उपराड़ा के मूल निवासी थे इनका जन्म 11 मार्च 1790 को काशीपुर में हुआ था। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय प्राचार्य प्रोफेसर एमसी पांडे ने कहा कि गोरखा शासन के विरुद्ध कविता लिखना गुमानी जैसे ही निर्भीक कवि के बस की बात थी। इस दौरान डॉ.दुर्गा तिवारी ने गुमानी की कविताओं का पाठ किया। कार्यक्रम में डॉ.रीता तिवारी, डॉ. डीएन जोशी, डॉ. पीसी पालीवाल, डॉ. लव कुश चौधरी, डॉ. आरएस कनौजिया आदि मौजूद रहे।

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