बरेली : शासनादेश तो आ गया, लेकिन लागू न होने पर बीडीसी संघ में रोष, डीएम को सौंपा ज्ञापन 

बरेली : शासनादेश तो आ गया, लेकिन लागू न होने पर बीडीसी संघ में रोष, डीएम को सौंपा ज्ञापन 

बरेली, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश सरकार ने क्षेत्र पंचायत सदस्य की कुछ मांगों को पूरा करते हुए शासनादेश लागू कर दिया, लेकिन आज तक उसको लागू नहीं कराया गया है। जिससे क्षेत्र पंचायत सदस्यों में काफी रोष है। इस मामले में प्रधान क्षेत्र पंचायत स्वभिमान संघ ने जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया है। 

पदाधिकारियों ने बताया कि वह पिछले कई वर्षों से क्षेत्र पंचायत सदस्यों के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं और उत्तर प्रदेश के 75 जिलों के 826 विकास खंड में बीडीसी का सक्रिय संगठन बीडीसी संघ बन चुका है। क्षेत्र पंचायत सदस्य को अधिकार व शासनादेश संदेश राज्य सरकार ने 16 दिसंबर 2021 को जारी किए किंतु जमीनी स्तर पर क्षेत्र पंचायत सदस्यों को शासनादेश का कोई भी लाभ नहीं मिल रहा है। 

हमारे प्रधान क्षेत्र पंचायत स्वाभिमान संघ के पदाधिकारी के द्वारा कहे जाने पर खंड विकास अधिकारी एवं कर्मचारी कहते हैं कि निम्न बिंदुओं पर हमें कोई निर्देश व जीओ प्राप्त नहीं हुआ, लेकिन पत्रांक में अपर मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन ने लिखा है कि क्षेत्र पंचायत की बैठक प्रतिवर्ष 6 प्रीति मीटिंग भत्ता ₹1000 क्षेत्र पंचायत सदस्य को व ₹300000 दुर्घटना बीमा राशि दिया जाना है।

जबकि इसमें से किसी भी निर्देश का पालन नहीं हो रहा है, साथ ही अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिन्हा द्वारा जी आई.ओ 24 दिसंबर 2021 और गाइड लाइन पत्रांक 73 वे संविधान संशोधन के फलस्वरुप त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण अंग बीडीसी को भी संविधानिक स्थान उसी प्रकार प्राप्त हुआ है जिस प्रकार से प्रधान को प्राप्त हुआ है। 

क्षेत्र पंचायत सदस्यों को उसके अधिकार से वंचित ना किया जाए और उन्हें भी विकास के कार्यों में सहभागी बनाया जाए। क्योंकि यह भी 2000 मतदाताओं व लगभग 5000 क्षेत्र पंचायत की जनता के प्रति जवाबदेही होते हैं। 

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