गूगल ने डिजिटल क्षेत्र में दबदबा बनाकर प्रतिस्पर्धा को प्रभावित किया: सीसीआई

गूगल ने डिजिटल क्षेत्र में दबदबा बनाकर प्रतिस्पर्धा को प्रभावित किया: सीसीआई

नई दिल्ली। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने बृहस्पतिवार को प्रौद्योगिकी कंपनी गूगल पर डिजिटल डेटा बाजार में दबदबा बनाने और उसका दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। आयोग ने मुक्त, निष्पक्ष और खुली प्रतिस्पर्धा का आह्वान भी किया। अपीलीय न्यायाधिकरण एनसीएलएटी के समक्ष प्रतिस्पर्धा आयोग की तरफ से दलीलों को पूरा करते हुए अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल एन वेंकटरमण ने कहा कि सभी इकाइयों के लिये खुली छूट की व्यवस्था मुक्त प्रतिस्पर्धा के सिद्धांत के अनुरूप होगी। 

प्रौद्योगिकी कंपनी का ‘चारदिवारी से घिरे बगीचे’ वाला रुख सही नहीं है। उल्लेखनीय है कि प्रतिस्पर्धा आयोग ने एंड्रॉयड मोबाइल उपकरणों के संदर्भ में गैर-प्रतिस्पर्धी गतिविधियों में शामिल होने को लेकर गूगल पर पिछले साल 20 अक्टूबर को 1,337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। साथ ही नियामक ने कंपनी से विभिन्न अनुचित व्यापार गतिविधियों से दूर रहने का कहा था। इस आदेश को राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) में चुनौती दी गयी थी। वेंकटरमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि गूगल ने अपने लाभ कमाने वाले सर्च इंजन को ‘किले’ और बाकी अन्य ऐप को ‘खाई’ की रक्षात्मक भूमिका निभाने के लिये इस्तेमाल किया था।

 यह ‘किला’ और ‘खाई’ की रणनीति कुछ और नहीं बल्कि डेटा के क्षेत्र में दबदबा स्थापित करने जैसा है। इसका मतलब है कि एक बड़ी कंपनी बाजार में और बड़ी होती जाती है जबकि छोटी और नई इकाई बाजार में बने रहने के लिये संघर्ष करती रहती है। उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा आयोग के उपायों का क्रियान्वयन सभी इकाइयों के लिये अधिक खुला बाजार बनाने की दिशा में एक लंबा रास्ता तय करेगा। यह मुक्त प्रतिस्पर्धा के सिद्धांतों के अनुरूप है। वेंकटरमण ने कहा कि अनिवार्य रूप से पहले से इंस्टॉल की व्यवस्था, एक ऐप के साथ अन्य ऐप को जोड़ना जैसे कार्य गूगल के दबदबे के गलत उपयोग को बताता है। 

अपीलीय न्यायाधिकरण ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद एंड्रॉयड मामले में 15 फरवरी को सुनवाई शुरू की थी। शीर्ष अदालत ने एनसीएलएटी को 31 मार्च तक मामले में निर्णय लेने को कहा है। अपीलीय न्यायाधिकरण की एक अलग पीठ ने चार जनवरी को गूगल की याचिका पर नोटिस जारी किया था और प्रतिस्पर्धा आयोग की तरफ से लगाये गये जुर्माने (1,337 करोड़ रुपये) का 10 प्रतिशत जमा करने का निर्देश दिया था। उसने आयोग के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था और मामले की अंतिम सुनवाई के लिये तीन अप्रैल, 2023 की तारीख तय की थी। गूगल ने इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी। शीर्ष अदालत ने भी प्रतिस्पर्धा आयोग के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। हालांकि, अपीलीय न्यायाधिकरण को गूगल की अपील पर 31 मार्च तक फैसला करने को कहा। 

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